इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर -3 फॉर्म इश्यू कर दिया है। यह फॉर्म उन इंडिविजुअल और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए है, जिन्हें बिजनेस या किसी प्रोफेशनल एक्टिवीटीज से इनकम होती है। वित्त वर्ष 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल होगा। इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 30 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके मुताबिक आईटीआर-3 फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं। इसका मकसद रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस को आसान बनाना है।
शिड्यूल एएल के तहत अमाउंट की लिमिट बढ़ी
सबसे बड़ा बदलाव 'शिड्यूल एएल' के तहत एसेट और लायबिलिटी की रिपोर्टिंग के लिए अमाउंट की लिमिट बढ़ाने से संबंधित है। अब इसके तहत 1 करोड़ रुपये तक के एसेट और लायबिलिटीज की जानकारी दी जा सकती है। पहले इसके लिए 50 लाख रुपये की लिमिट तय थी। इस बदलाव से बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। उन्हें अब कम डिसक्लोजर करना होगा।
5 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम पर TDS
दूसरा बदलाव TDS के मामले में है। ऐसे ई-कॉमर्स ऑपरेट्स जिनकी बिजनेस इनकम 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है उनपर सेक्शन 194क्यू के तहत 1 फीसदी का टीडीएस लागू होगा। तीसरा बदलाव यह है कि अब टैक्सपेयर्स को शिड्यूल FA में विदेशी इनकम और एसेट्स की जानकारी देनी होगी। इनकम टैक्स ने इस बात का भी प्रावधान किया है कि अगर टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है तो वह कर सकता है। इसके लिए उसे फॉर्म 10-IEA भरना होगा। इससे टैक्सपेयर्स अपने फायदे के हिसाब से नई और पुरानी रीजीम में से किसी एक चुनाव कर सकेंगे।
कैपिटल गेंस की जानकारी के लिए शिड्यूल सीजी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कैपिटल गेंस की जानकारी देने के लिए शिड्यूल सीजी भी शुरू किया है। इसके अलावा सेक्शन 50 के तहत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) की जानकारी देने के लिए एक नया कॉलम भी दिया गया है। यह खासकर डिप्रेसिएशन वाले कैपिटल के लिए है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का मानना है कि इससे टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइलिंग के वक्त कैपिटल गेंस की जानकारी देने में आसानी होगी।
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फाइलिंग प्रोसेस आसान बनाना चाहता है आईटी डिपार्टमेंट
आईटी डिपार्टमेंट ने 29 अप्रैल को आईटीआर -1 और आईटीआर-2 फॉर्म इश्यू किए थे। वित्त वर्ष 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स इनका इस्तेमाल कर सकेंगे। डिपार्टमेंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहता है। इसके लिए वह फॉर्म में जरूरी बदलाव करता रहता है।