ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अक्सर होती हैं ये 5 गलतियां, क्या है बचने का तरीका?

ITR Filing AY 2025-26: ITR भरते वक्त लोग अक्सर 5 सामान्य लेकिन अहम गलतियां कर बैठते हैं। इनसे बचकर समय पर सही रिटर्न फाइल करना जुर्माने और नोटिस से बचा सकता है।

अपडेटेड May 07, 2025 पर 4:06 PM
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टैक्सपेयर्स को अपनी आय और वित्तीय गतिविधियों के आधार पर सही ITR फॉर्म चुनना चाहिए।

ITR Filing AY 2025-26: असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब अधिकांश टैक्सपेयर्स वित्त वर्ष 2024-25 के निवेश दस्तावेज, सैलरी स्लिप, ब्याज प्रमाणपत्र और अन्य आय स्रोत का हिसाब जुटाने में लगे हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ सामान्य, लेकिन गंभीर गलतियां हो जाती हैं। अगर इनसे बचा जाए, तो न सिर्फ टैक्स फाइलिंग आसान हो जाती है, बल्कि जुर्माने, नोटिस और अनावश्यक देरी से भी निजात मिल सकती है।

आइए जानते हैं उन 5 आम गलतियों के बारे में, जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त अक्सर हो जाती हैं। साथ ही, इन गलतियों से बचने का तरीका भी जानेंगे।

1. फॉर्म 26AS और AIS की अनदेखी


Form 26AS और Annual Information Statement (AIS) जैसे दस्तावेज आपकी वित्तीय गतिविधियों और टैक्स कटौती का विस्तृत लेखा-जोखा देते हैं। ITR भरने से पहले इनका मिलान अपने बैंक स्टेटमेंट्स, डिविडेंड रिपोर्ट्स और अन्य वित्तीय दस्तावेजों से करना जरूरी है। इससे गलतियों और असंगतियों से बचा जा सकता है और रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी नहीं होती।

2. सभी इनकम सोर्स की रिपोर्टिंग में चूक

ITR में केवल सैलरी नहीं, बल्कि सेविंग खाते का ब्याज, FD, किराया, पूंजी लाभ (capital gains), डिविडेंड और पुराने चालू खातों की इनकम भी शामिल करनी होती है। किसी भी आय को छिपाना या गलती से छोड़ देना आयकर विभाग की नजर में शक पैदा कर सकता है और भारी जुर्माना लग सकता है।

3. ITR का समय पर वेरिफिकेशन न करना

रिटर्न भरने के बाद उसे वेरिफाई करना अनिवार्य प्रक्रिया है। आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, अनवेरिफाइड रिटर्न अमान्य माने जाते हैं। वेरिफिकेशन Aadhaar OTP, नेट बैंकिंग या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से किया जा सकता है। देरी से वेरिफिकेशन रिफंड प्रोसेस को भी प्रभावित कर सकता है।

4. गलत ITR फॉर्म का चयन

टैक्सपेयर्स को अपनी आय और वित्तीय गतिविधियों के आधार पर सही ITR फॉर्म चुनना चाहिए। मसलन, ₹50 लाख तक की सैलरी आय वालों के लिए ITR-1 उपयुक्त है, जबकि ₹1.25 लाख से अधिक पूंजीगत लाभ या एक से अधिक संपत्तियों वाले टैक्सपेयर्स को ITR-2 का चयन करना चाहिए। गलत फॉर्म से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या स्क्रूटिनी की आशंका बढ़ जाती है।

5. ITR फाइलिंग की डेडलाइन मिस करना

आम करदाताओं के लिए ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है। समय सीमा के बाद फाइलिंग करने पर ₹1,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना लग सकता है। इसके अतिरिक्त, कई तरह के टैक्स डिडक्शन और कैरी फॉरवर्ड बेनिफिट्स से भी आप चूक सकते हैं।

यह भी पढ़ें : Old vs New Tax Regime: पुराने और नए टैक्स रीजीम में क्या है अंतर, किसे चुनना रहेगा फायदेमंद?

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। आयकर से जुड़े मामलों में निर्णय लेने से पहले किसी सर्टिफाइड टैक्स प्रोफेशनल की सलाह जरूर लें।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: May 07, 2025 3:55 PM

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