इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए आईटीआर-6 एक्सेल यूटिलिटी रिलीज कर दी है। अब आईटीआर-6 का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल कर सकते हैं। इस फॉर्म को अपडेट किया गया है। इस साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए।
कौन कर सकता है ITR-6 फॉर्म का इस्तेमाल?
ITR-6 का इस्तेमाल कंपनीज एक्ट, 2013 (या पहले के वर्जन) के तहत सभी रजिस्टर्ड कंपनियां करती हैं। सिर्फ ऐसी कंपनियां इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर सकती जो सेक्शन 11 के तहत एग्जेम्प्शन क्लेम करती हैं। इसका मतलब है कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, पब्लिक लिमिटेड कंपनियां और वन पर्सन कंपनियां आईटीआर-6 का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि आईटीआर-6 फॉर्म इंडिविजुअल्स और एचयूएफ और उन टैक्सपेयर्स के लिए नहीं है, जो ITR-1, ITR-3 और ITR-5 जैसे फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं।
ITR फाइलिंग की डेडलाइन क्यों बढ़ाई गई?
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस साल आईटीआर फाइल करने के लिए अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी। ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्हें अपने अकाउंट्स का ऑडिट कराना जरूरी नहीं है वे 15 सितंबर तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं। सरकार ने कैपिटल गेंस सहित इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव किए थे। इसके हिसाब से आईटीआर फॉर्म में बदलाव करना जरूरी था। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन इस साल बढ़ाई गई। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनके अकाउंट्स का ऑडिट जरूरी है, वे इस साल 31 अक्टूबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
15 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं किया तो क्या होगा?
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स अगर किसी वजह से 15 सितंबर तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो वे 31 दिसंबर तक बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। हालांकि, टैक्सपेयर्स को बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर टैक्स पर इंटरेस्ट और पेनाल्टी चुकानी होगी। अगर सालाना इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो पेनाल्टी 1,000 रुपये होगी। सालाना इनकम 5,000 रुपये से ज्यादा होने पर पेनाल्टी 5,000 रुपये होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिलेटेड रिटर्न फाइल करने से से रिफंड आने में देर होती है।