नया वित्त वर्ष 2025-26 शुरू हो चुका है। पिछले वित्त वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। हर साल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स के फॉर्म और यूटिलिटीज जारी करता है। उसके बाद टैक्सपेयर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना शुरू कर देते हैं। उम्मीद है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जल्द नए फॉर्म और यूटिलिटीज जारी के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी देगा।
अभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डेडलाइन का ऐलान नहीं किया है
आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है। लेकिन, अभी इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। खास स्थितियों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाता देता है। उदाहरण के लिए कोविड की महामारी के दौरान डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए ITR फाइल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था।
रिटर्न फाइल करने के लिए डेडलाइन का इंतजार नहीं करें
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है, लेकिन टैक्सपेयर्स को ITR फाइल करने के लिए अंतिम समय तक इंतजार नहीं करना चाहिए। रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया पहले पूरी करने के कई फायदें हैं। जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने में गलती होने की आशंका बढ़ जाती है। जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने में टैक्सपेयर्स किसी इनकम के बारे में रिटर्न में बताना भूल सकता है।
सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है फॉर्म 16
जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म 16 की जरूरत पड़ती है। फॉर्म 16 एंप्लॉयर्स (कंपनियां) अपने एप्लॉयीज को जारी करते हैं। इसमें एंप्लॉयी की सैलरी से होने वाली इनकम की पूरी जानकारी होती है। उसकी ग्रॉस इनकम और टैक्सेबल इनकम की जानकार होती है। इसमें एंप्लॉयर की तरफ से सैलरी से हर महीने काटे गए टीडीएस की जानकारी भी शामिल होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एंप्लॉयीज को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले फॉर्म 16 में दी गई जानकारियों और डेटा को ठीक तरह से चेक कर लेना चाहिए। एंप्लॉयर्स के लिए हर साल 15 जून तक एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 जारी करना जरूरी है।
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जल्द रिटर्न फाइल करने पर रिफंड जल्द आता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटर्न फाइल करने के लिए डेडलाइन का इंतजार नहीं करने के कई फायदे हैं। पहला फायदा तो यह है कि जल्द रिटर्न फाइल करने पर रिफंड का पैसा जल्द टैक्सपेयर्स के अकाउंट में आ जाता है। आम तौर पर डेडलाइन खत्म होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन आईटीआर की प्रोसेसिंग पहले करता है, जो पहले फाइल किए गए होते हैं। इसलिए जो टैक्सपेयर्स पहले रिटर्न फाइल करते हैं, उका रिफंड पहले आने की उम्मीद रहती है।