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Income Tax: हर महीने 50000 रुपये से ज्यादा घर का किराया देते हैं तो इस नियम का पालन करें, नहीं तो आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

अगर कोई व्यक्ति हर महीने घर का किराया 50,000 रुपये से ज्यादा देता है तो उसे इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक 2 फीसदी TDS काटना होगा। पहले 5 फीसदी टीडीएस काटना होता था। लेकिन, पिछले साल अक्टूबर से इसे घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया

अपडेटेड Apr 28, 2025 पर 7:20 PM
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इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 194-1बी में कहा गया है कि बिल्डिंग के साथ ही लैंड का रेंट भी टीडीएस के नियम के दायरे में आता है।

अगर आप हर महीने 50,000 रुपये से ज्यादा घर का किराया दे रहे हैं तो आपको टीडीएस काटना होगा। अगर आप टीडीएस काटे बगैर मकानमालिक को किराया दे रहे हैं तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ सकता है। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस नियम का पालन नहीं करने पर कई टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा है। ये नोटिस वित्त वर्ष 2023 और 2024-25 के लिए भेजे गए हैं। नोटिस में कहा गया है टैक्सपेयर्स ने एचआरए क्लेम किया है, लेकिन रेंट पर टीडीएस नहीं काटा है। बताया जाता है कि बड़ी संख्या में ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा गया है।

क्या कहता है इनकम टैक्स का नियम?

टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति हर महीने घर का किराया (Rent) 50,000 रुपये से ज्यादा देता है तो उसे इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक 2 फीसदी TDS काटना होगा। पहले 5 फीसदी टीडीएस काटना होता था। लेकिन, पिछले साल अक्टूबर से इसे घटाकर 2 फीसदी कर दिया गया। इनकम टैक्स का नियम कहता है कि रेंट पर टीडीएस काटने की जिम्मेदारी किराएदार पर है। किराएदार को टीडीएस काटना है फिर बचा हुआ किराया मकानमालिक को देना है। किराएदार पर ही टीडीएस के पैसे को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास डिपॉजिट करने की जिम्मेदारी है।


TDS नहीं काटने पर क्या होगा?

अगर किरायादार बगैर टीडीएस काटे मकानमालिक को किराए देता है तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस पर पेनाल्टी और इंटरेस्ट लगा सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस बारे में एक नया ब्रोशर जारी किया है। इसमें टीडीएस को लेकर किराएदार की जिम्मेदारी के बारे में बताया गया है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 194-1बी में कहा गया है कि बिल्डिंग के साथ ही लैंड का रेंट भी टीडीएस के नियम के दायरे में आता है।

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TDS का पैसा कब तक जमा करना होगा?

किराएदार ने जिस तारीख को घर का किराया चुकाया है, उससे 30 दिन के अंदर टीडीएस का पैसा सरकार के पास डिपॉजिट करना जरूरी है। अगर किराएदार इस डेडलाइन का पालन नहीं करता है तो रोजाना 200 रुपये के हिसाब से उसे लेट फाइलिंग फीस चुकानी होगी। टीडीएस रिटर्न नहीं फाइल करने पर सेक्शन 271एच के तहत 1 लाख रुपये तक की पेनाल्टी भी चुकानी पड़ सकती है। इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टीडीएस नहीं काटा गया पूरा पैसा किराएदर से रिकवर करेगा।

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