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Income Tax Return: क्या इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन दोबारा बढ़ने जा रही है?

Summary prefix: सीबीडीटी ने इस साल वैसे टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाई थी, जिनके अकाउंट्स को ऑडिट कराना जरूरी नहीं है। लेकिन, आईटीआर फॉर्म और यूटिलिटीज देर से रिलीज होने से टैक्सपेयर्स को डेडलाइन बढ़ने का फायदा नहीं मिला

अपडेटेड Sep 01, 2025 पर 3:02 PM
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पिछले साल के मुताबिक इस साल अब तक आधे टैक्सपेयर्स ने ही रिटर्न फाइल किए हैं।

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए करीब दो हफ्ते का समय बचा है। अब तक ज्यादा टैक्सपेयर्स ने रिटर्न फाइल नहीं किए हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले अब तक करीब 50 फीसदी टैक्सपेयर्स ने ही रिटर्न फाइल किए हैं। इनकम टैक्स यूटिलिटीज देर से रिलीज होने से टैक्स एक्सपर्ट्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) और फॉर्म 26एएस के बीच मिसमैच की शिकायतें भी आई है। सवाल है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस साल दोबारा रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाएगा?

इस साल आईटीआर फॉर्म्स और यूलिटीज आने में देर

एसबीएचएस एंड एसोसिएट्स के पार्टनर हिमांक सिंगला ने कहा, "हर बार टैक्स सीजन में रिटर्न फॉर्म और यूटिलिटीज समय पर आ जाने से रिटर्न फाइल करने में आसानी होती है। इससे उन पर दबाव नहीं बनता है। पिछले साल के उदाहरण पर गौर किया जा सकता है। Income Tax Department ने 1 अप्रैल, 2024 को आईटीआर 1 से लेकर आईटीआर-4 और आईटीआर-6 रिलीज कर दिए थे। आईटीआर-5 31 मई को और आईटीआर-7 फॉर्म 21 जून को रिलीज हो गए थे। इससे टैक्सपेयर्स को 31 जुलाई की डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइल करने के लिए करीब 3 महीने का समय मिल गया था।"


डेडलाइन नहीं बढ़ाने से अंतिम समय में हो सकती है अफरा-तफरी

इस साल स्थिति अलग है। हालांकि, सीबीडीटी ने नॉन-ऑडिटेड रिटर्न की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी, लेकिन ITR-5, ITR-6 और ITR-6 के लिए यूटिलिटीज अगस्त में जारी की गईं। आईटीआर-2 और आईटीआर-3 भी काफी देर से रिलीज किए गए। इस वजह से टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को रिटर्न फाइल करने के लिए कम समय मिला। सीए प्रतिभा गोयल ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर हाल में एक पोस्ट किया। उन्होंने इसमें कहा, "अंतिम समय में अफरा-तफरी से बचने के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाई जानी चाहिए।"

अलग-अलग तरह के रिटर्न की डेडलाइन के बीच ज्यादा फर्क नहीं

सिंगला ने बताया कि अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स के रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन करीब होने से प्रेशर बढ़ जाता है। ऑडिट वाले इनकम टैक्स रिटर्न के लिए डेडलाइन 30 सितंबर है। इसका मतलब है कि नॉन-ऑडिट रिटर्न फाइलिंग और ऑडिट रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन के बीच फर्क ज्यादा नहीं है। इसके अलावा कंपनीज एक्ट के तहत आरओसी डेडलाइन भी सितंबर में है। इससे कंप्लायंस का बोझ काफी बढ़ने के आसार हैं।

मई ने सीबीडीटी ने बढ़ाई थी डेडलाइन

सीबीडीटी ने इस साल मई में नॉन-ऑडिटेड रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी। लेकिन, कई यूटिलिटीज अगस्त में रिलीज होने से टैक्सपेयर्स को डेडलाइन बढ़ने का फायदा नहीं मिला है। सिंगला ने कहा कि ऐसे में सरकार को डेडलाइन को 15 सितंबर से बढ़ाने की जररूत है। यह सिर्फ टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए जरूरी नहीं है बल्कि यह व्यावहारिक रूप से भी जरूरी है। सवाल है कि अगर आपने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो क्या आपको डेडलाइन बढ़ने का इंतजार करना चाहिए?

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डेडलाइन बढ़ने का नहीं करें इंतजार

टैक्सपेयर्स की सलाह है कि अंतिम वक्त में रिटर्न फाइल करने से कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ट्रैफिक बढ़ने से इनकम टैक्स पोर्टल की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है। टैक्सबडी डॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगर ने कहा कि अंतिम समय में रिटर्न फाइल करने से आधार ओटीपी में देरी की भी समस्या आती है। इसके अलावा जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने में गलती होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है।

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