इनकम टैक्स रिटर्न उन लोगों के लिए फाइल करना जरूरी है, जिनकी इनकम एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है। इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर उन लोगों को एग्जेम्प्शन मिलता है, जिनकी उम्र 60 साल कम है। नई रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि नई रीजीम में 3 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम होने के बावजूद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च
अगर आपने विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। अगर आपने किसी व्यक्ति का फॉरेन टूर स्पान्सर किया है और इस पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हुआ है तो भी आपको आईटीआर फाइल करना होगा। इसका मतलब यह है कि अगर इनमें से कोई शर्त लागू होती है तो आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम होने पर भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।
1 लाख रुपये ज्यादा बिजली बिल का पेमेंट
अगर आपने 1 लाख रुपये से ज्यादा बिजली बिल का पेमेंट किया है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसका मतलब है कि इस शर्त के दायरे में आने पर व्यक्ति की सालाना इनकम चाहे जितनी भी हो, उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। रिटर्न फाइल नहीं करने पर आपको इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है।
बैंक अकाउंट में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा डिपॉजिट
आपने बैंक अकाउंट में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा डिपॉजिट किया है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। यहां यह समझना जरूरी है कि यह डिपॉजिट एक बार में भी हो सकता है या कई बार के डिपॉजिट को मिलाकर कुल अमाउंट 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाता है तो यह शर्त लागू मानी जाएगी। चौथा, अगर पिछले वित्त वर्ष में बिजनेस में कुल टर्नओवर, सेल्स या ग्रॉस रिसीट 60 लाख रुपे से ज्यादा है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
कुल टीडीएस और टीसीएस 25000 रुपये से ज्यादा
अगर प्रोफेशन में कुल ग्रॉस रिसीट पिछले वित्त वर्ष में 10 लाख से ज्यादा है तो रिटर्न फाइल करना जरूरी है। किसी इंडिविजुअल का पिछले वित्त वर्ष में कुल टीडीएस और टीसीएस 25,000 रुपये से ज्यादा है तो उसका इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति के एक या एक से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट में एक वित्त वर्ष में 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा डिपॉजिट होता है तो उसका रिटर्न फाइल करना जरूरी है।