Income Tax: बिलेटेड और रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 15 जनवरी, जानिए इसके बाद क्या होगा

अगर कोई टैक्सपेयर 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे 31 दिसंबर तक ITR फाइल करने का मौका देता है। इसे बिलेटेड रिटर्न कहा जाता है। बिलेटेड रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर को पेनाल्टी चुकानी पड़ती है

अपडेटेड Jan 12, 2025 पर 1:37 PM
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टैक्सपेयर अगर FY24 का बिलेटेड रिटर्न 15 जनवरी, 2025 तक फाइल नहीं करता है तो वह इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(8A) के तहत ITR-U फाइल कर सकता है। इसे 31 मार्च, 2027 तक फाइल करना होगा।

अगर किसी वजह से आप 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने से चूक गए थे तो आपके पास बिलेटेड आईटीआर फाइल करने का 15 जनवरी तक मौका है। अगर आप अपने आईटीआर को रिवाइज करना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपके पास 15 जनवरी तक का मौका है। आम तौर पर बिलेटेड रिटर्न और रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर होती है। लेकिन, इस बार सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह डेडलाइन 15 जनवरी तक बढ़ा दी है।

बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न क्या है?

अगर कोई टैक्सपेयर 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल नहीं कर पाता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसे 31 दिसंबर तक ITR फाइल करने का मौका देता है। इसे बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) कहा जाता है। बिलेटेड रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर को पेनाल्टी चुकानी पड़ती है। सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर पेनाल्टी 5,000 रुपये है। सालाना 5 लाख रुपये से कम इनकम वाले लोगों के लिए पेनाल्टी 1,000 रुपये है। इसके अलावा टैक्सपेयर्स के टैक्स पर इंटरेस्ट भी लगता है।


रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न का मतलब क्या है?

अगर किसी टैक्सपेयर को ऐसा लगता है कि उसके इनकम टैक्स रिटर्म में गलत जानकारी चली गई है तो वह रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकता है। आम तौर पर इसकी डेडलाइन 31 दिसंबर होती है। इस बार इसके लिए भी डेडलाइन 15 दिन बढ़ा दी गई है। इसका मतलब है कि कोई टैक्सपेयर्स 15 जनवरी, 2025 तक अपने इनकम टैक्स रिटर्न को रिवाइज कर सकता है। यह सुविधा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे टैक्सपेयर्स को ध्यान में रखकर दी है, जो अनजाने में इनकम से जुड़ी कोई जानकारी आईटीआर में बताना भूल जाते हैं।

बिलेटेड रिटर्न फाइल नहीं करने पर क्या होगा?

अगर कोई टैक्सपेयर 15 जनवरी, 2025 तक बिलेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करता है तो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(8A) के तहत ITR-U फाइल करने की इजाजत है। इसके लिए उसे 5000 रुपये की पेनाल्टी चुकानी होगी। इसके अलावा टैक्स अमाउंट पर 25 फीसदी या 50 फीसदी पर अतिरिक्त टैक्स भी देना होगा। यह इस पर निर्भर करेगा कि टैक्सपेयर कब ITR-U फाइल करता है। FY24 का ITR-U 31 मार्च, 2027 तक फाइल किया जा सकता है। दरअसल इसे संबंधित फाइनेंशियल ईयर खत्म होने के 2 साल के अंदर फाइल करना पड़ता है।

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31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करने के क्या हैं फायदें?

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सीबीडीटी ने ऐसे टैक्सपेयर्स को डेडलाइन के बाद भी इनमक टैक्स रिटर्न फाइल करने की इजाजत दी है, जो किसी वजह से आखिरी तारीख तक ITR फाइल करने से चूक जाते हैं। लेकिन, बिलेटेड या ITR-U फाइल करने पर कई सुविधाएं टैक्सपेयर्स को नहीं मिलती हैं। इसलिए टैक्सपेयर्स को तय तारीख यानी 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की कोशिश करनी चाहिए।

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First Published: Jan 12, 2025 12:42 PM

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