भारत अपनी आज़ादी के 78 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। यह हमारी अपनी वित्तीय आज़ादी पर विचार करने का भी अच्छा समय है। आज कई युवा प्रोफेशनल वित्तीय स्वतंत्रता, समय से पहले रिटायरमेंट (या FIRE) की इच्छा रखते हैं। अर्ली रिटायमेंट का रुझान लगातार बढ़ रहा है। FIRE की मूल सोच यह है कि 58 या 60 वर्ष की आयु तक काम करने के बजाय (जो अधिकांश कंपनियों में आधिकारिक सेवानिवृत्ति की आयु है), आप इस तरह से बचत और निवेश करें कि आप वेतन पर निर्भर रहने के बजाय जीवन यापन के लिए पर्याप्त धन जुटा सकें।
FIRE भारत में एक नई अवधारणा है और इसे लागू करना आसान नहीं है। जल्दी सेवानिवृत्त होने के इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में यात्रा शुरू करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं।
इस लक्ष्य को पाने के लिए करियर को शुरुआती चरण में ही और अनुशासन के साथ प्रयास करना शुरू करें। अपने पैसे को वेल्थ क्रिएशन लिए पर्याप्त समय दें और निरंतर चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत का पूरा लाभ उठाएं।
महंगाई, जीवनशैली और हेल्थ पर होने वाले खर्च को ध्यान में रखें
जल्दी रिटायरमेंट के लिए जरूरी राशि का तय करने के लिए, आपको तमाम कारकों को ध्याम में रखना होगा। जैसे कि महंगाई, स्वास्थ्य सेवा, बच्चों की उच्च या विदेशी शिक्षा की लागत, बच्चों की शादी का खर्च, परिवार की वर्तमान जीवनशैली को बनाए रखना, वार्षिक छुट्टियों पर होने वाले खर्च, जीवन की प्रत्याशा का अनुमान और वह आयु जिस पर रिटायरमेंट फंड समाप्त हो जाएगा।
प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के फाउंडर और सीईओ विशाल धवन कहते हैं, "ऐसे और कारक भी होंगे जो रिकरिंग एक्सपेंस के रूप में सामने आ सकते हैं। उदाहरण के लिए, घर का रिनोवेशन, नई कार खरीदना आदि। जब आप अपने रिटायरमेंट फंड के बारे में सोच रहे हों, तो इन खर्चों को भी ध्यान में रखना चाहिए।"
जल्दी रिटायरमेंट के लिए धन जुटाने के लिए उठाए जाने वाले कदम
एक्सेल टेम्प्लेट बनाएं और वास्तविक खर्चों की सूची बनाएं। इसमें घर का किराया, दवाइयां, बीमा प्रीमियम, मासिक किराने का सामान, यूटिलिटी बिल, मनोरंजन पर होने वाला खर्च, आयकर आदि पर होने वाला खर्च शामिल है। धवन कहते हैं, "अपने रिटायरमेंट के लिए जरूरी धन की गणना करते समय केवल मोटा अनुमान लगानो के बजाय पिछले कुछ सालों में हुए सही खर्चों की पहचान करना बेहतर है।" उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए आपको कुछ बफर बनाने की जरूरत है। आपको अपने तमाम खर्चों हिसाब रखना चाहिए। इसके बाद, यह जानने की कोशिश करें कि रिटायर होने पर इनमें से कौन सा खर्च बढ़ेगा या घटेगा।
केवल रिटायरमेंट फंड के लिए किये जाने वाले निवेश में लंबी अवधि के लिए इक्विटी में होने वाले निवेश की बड़ी भागीदारी होनी चाहिए। फुल सर्कल फाइनेंशियल प्लानर्स एंड एडवाइजर्स के फाउंडर कल्पेश अशर कहते हैं, "पोर्टफोलियो में इक्विटी निवेश की बड़ी हिस्सेदारी होनी चाहिए क्योंकि इसका निवेश अवधि लंबी होती है।"
वित्तीय सलाहकार ऋषि पिपरैया कहते हैं कि अनावश्यक जोखिम न लें और सट्टा निवेश, क्रिप्टोकरेंसी या विदेशी इंस्ट्रमेंट में निवेश करने के बहकावे में नहीं आएं। अगर आप अपना पैसा खो देते हैं, तो आप वित्तीय रूप से स्वतंत्र नहीं रह पाएँगे।" वे कहते हैं कि रिटायरमेंट कॉर्पस को अलग रखें और रिटायरमेंट के बाद इक्विटी मार्केट में इसके साथ जुआ न खेलें।
धवन कहते हैं, "आपको रिटायरमेंट से पहले और रिटायरमेंट के बाद के चरण के लिए अलग-अलग पोर्टफोलियो रणनीति बनाने की जरूरत है।" वे कहते हैं कि अगर आप इन दोनों चरणों में कंजरवेटिव रणनीति अपनाते हैं तो आपको अपने जीवन-यापन के खर्चों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट के समय एक बड़े कॉर्पस की जरूरत पड़ सकती है। वहीं, अगर आप अधिक आक्रामक पोर्टफोलियो के साथ सहज हैं, तो समय के साथ मिलने वाला रिटर्न महंगाई को मात दे सकता है। ऐसे में आवश्यक कोष कम हो सकता है।
मान लीजिए कि आप 50 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होना चाहते हैं और आपको 5 करोड़ रुपये की जरूरत है, जो वास्तविक वार्षिक व्यय, भविष्य के लक्ष्यों और 80-85 वर्ष की जीवन प्रत्याशा के आधार पर तय होता है। फिर, अगर आप 30 वर्ष की आयु में बचत करना शुरू करते हैं तो आवश्यक मासिक निवेश 33,333 रुपये होंगे और अगर आप 35 वर्ष की आयु में बचत करना शुरू करते हैं, तो आवश्यक मासिक निवेश दोगुना से अधिक, 73,750 रुपये हो सकता है।
अपनी बीमा योजनाओं को जारी रखें
अगर आपकी आय पर कोई आश्रित है तो टर्म प्लान जारी रखना जरूरी है। पिपरैया कहते हैं, "यह महंगा नहीं है और जल्दी रिटायरमेंट के बाद भी इसे जारी रखना एक अच्छा सुरक्षा कवच है।" अगर जल्दी रिटायरमेंट के बाद भी आपके पास कोई लोन बकाया है तो आपको देनदारियों को कवर करने के लिए टर्म इंश्योरेंस जारी रखना होगा।
बुजुर्ग आश्रित माता-पिता के लिए पर्याप्त अलग स्वास्थ्य बीमा और अपने जीवनसाथी और बच्चों सहित फ्लोटर प्लान बहुत अहम हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो रिटायर हो चुके हैं। अशर कहते हैं, "रिटायरमेंट कॉर्पस की गणना करते समय, इन बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को ध्यान में रखें।"
सेवानिवृत्ति के बाद की उम्र में, आय का कोई नियमित स्रोत न होने के बावजूद कई खर्चों का ध्यान रखना होगा। अशर कहते हैं, "इसलिए, किसी व्यक्ति को जल्दी ही सभी कर्जों और देनदारियों को चुकाना देना चाहिए क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद की उम्र में किसी व्यक्ति के लिए जुटाए गए कॉर्पस से ईएमआई का भुगतान करना मुश्किल हो सकता है।"
जल्दी रिटायर होने की योजना बना रहे लोगों के लिए सलाह
जल्दी रिटायर होने के लिए वित्तीय योजना एक पूर्व-शर्त है। लेकिन आपको अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए भी एक योजना बनानी चाहिए। रिटायरमेंट कोई फाइनेंशियल निर्णय नहीं है, यह एक इच्छित निर्णय है। इसे सुचारू रूप से पूरा के लिए मज़बूत फाइनेंशियल सपोर्ट जुटाएं। पिपरैया कहते हैं, "रिटायरमेंट के बाद पैसिव इनकम सहित आय के कई स्रोत खोजने के कौशल विकसित करने पर फोकस करें।"