भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर सकारात्मक खबर आई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.6% कर दिया है, जबकि इससे पहले यह 6.4% था। IMF ने अपनी रिपोर्ट में यह फैसला भारत की पहली तिमाही के जबरदस्त आर्थिक प्रदर्शन को देखते हुए किया है, जिसमें GDP वृद्धि दर अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% रही जो पिछले पांच तिमाहियों में सबसे अधिक है।
IMF की ताजा ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट’ के अनुसार, हालांकि 2026-27 के लिए GDP वृद्धि का अनुमान थोड़ा घटाकर 6.2% किया गया है, फिर भी यह उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भारत को सबसे आगे रखता है। रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जुलाई 2025 के अपडेट की तुलना में वृद्धि दर में तीव्रता देखी गई है, और भारत के मजबूत आर्थिक कदमों ने अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी जैसे दबावों को भी पीछे छोड़ दिया है।
आर्थिक मजबूती की इसी कड़ी में विश्व बैंक ने भी हाल ही में 2025 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया था। दोनों अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने माना है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। IMF ने अपनी अप्रैल 2025 की रिपोर्ट में 2025 के लिए GDP ग्रोथ 6.2% और 2026 के लिए 6.3% रहने का अनुमान लगाया था, मगर नवीनतम आंकड़े भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति की पुष्टि करते हैं।
दूसरी ओर, IMF ने भविष्य के लिए वैश्विक विकास दर अनुमान थोड़ा घटाया है। 2024 में 3.3% से गिरकर 2025 में 3.2% और 2026 में 3.1% रहने का अनुमान है। उभरते बाजारों और विकासशील देशों के लिए यह दर क्रमशः 2025 में 4.2% और 2026 में 4% रहने की संभावना जताई गई है।
इस पूरे परिदृश्य में भारत का प्रदर्शन वैश्विक मंदी और व्यावसायिक दबावों के बावजूद सबसे बेहतर साबित हो रहा है। IMF और वर्ल्ड बैंक दोनों का मानना है कि अगर भारत अपने आर्थिक सुधार और नीतिगत स्थिरता बनाए रखता है तो आने वाले वर्षों में भी यह रफ्तार कम नहीं होगी।