इंश्योरेंस कंपनियां अब सीनिटर सिटिजन के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में सालाना 10 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं कर पाएंगी। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने 30 जनवरी को प्रेस रिलीज जारी कर यह निर्देश दिया है। इस कदम का मकसद सीनियर सिटिजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में हो रही बढ़ोतरी पर लगाम कसना और उनके वित्तीय बोझ को कम करना है। रिलीज में कहा गया है कि बुजुर्गों की उम्र और हेल्थकेयर संबंधी जरूरतों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में तेज बढ़ोतरी के बाद यह नियम लाया गया है। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में तेज बढ़ोतरी खास तौर पर सीनियर सिटिजन और सीमित आय वाले लोगों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो गई थी। IRDAI के निर्देशों के मुताबिक, अगर कोई इंश्योरेंस कंपनी सीनियर सिटिजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में 10 पर्सेंट से ज्यादा की बढ़ोतरी करती है या कोई हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट वापस लेती है, तो उससे पहले इंश्योरेंस रेगुलेटर से सलाह-मशवरा करना होगा।
इससे न सिर्फ पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी, बल्कि अचानक से होने वाले उन बदलावों को भी रोका जा सकेगा, जिनकी वजह से सीनियर सिटिजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, इंश्योरेंस कंपनियों को उन उपायों का भी प्रचार-प्रसार करना होगा, जो वे सीनियर सिटिजन के लिए फायदे के लिए करते हैं। इसका मकसद हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी अहम सुविधाओं के लिए सीनिटर सिटिजन के बीच जागरूकता फैलाना है।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को हॉस्पिटल एमपैनलमेंट को स्टैंडर्ड बनाने और लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज रेट को बेहतर बनाने की दिशा में भी काम करने का निर्देश दिया गया है। IRDAI का कहना है इंश्योरेंस मार्केट पर उसकी नजर बनी रहेगी।