केंद्र सरकार ने बुजुर्गों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। अब सरकार की हेल्थ स्कीम का फायदा 70 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को मिलेगा। हाल में केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाइ) के दायरे में 70 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। अनुमान है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से 4.5 करोड़ परिवारों के करीब 6 करोड़ बुजुर्गों को सरकार की हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का लाभ मिल सकेगा।
बुजुर्ग को कोई प्रीमियम चुकाना होगा?
आयुष्मान भारत हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (Ayushman Bharat health insurance scheme
सरकार की दूसरी हेल्थ स्कीम का लाभ उठा रहे लोगों के लिए क्या विकल्प?
अगर कोई बुजुर्ग पहले से सरकार की किसी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का फायदा उठा रहा है तो आयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम का फायदा उठाने के लिए उसे पहले की स्कीम से बाहर निकलना पड़ेगा। अभी सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS), एक्स-सर्विसमैन कंट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS), आयुष्मान सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) जैसी स्कीम लागू हैं। 70 साल और इससे ज्यादा उम्र का कोई बुजुर्ग पहले से प्राइवेट हेल्थ पॉलिसी या एंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस स्कीम के तहत आता है तो उसे इसका लाभ भी मिलता रहेगा।
एक परिवार में दो बुजुर्ग होने पर क्या होगा?
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगर किसी परिवार में 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के दो लोग है तो उन्हें 5 लाख रुपये के इस कवरेज को शेयर करना होगा। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के लिए शुरुआती आवंटन 3,437 करोड़ रुपये का है। यह डिमांड आधारित स्कीम है। इसका मतलब है कि जैसे-जैसे इस स्कीम की डिमांड बढ़ेगी, वैसे-वैसे सरकार इसके लिए आवंटन बढ़ाएगी।
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क्या राज्य सरकारों को भी इसका खर्च उठाना होगा?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अधिकतर राज्य सरकारों को इस स्कीम पर आने वाले 40 फीसदी खर्च का बोझ उठाना होगा। पहाड़ी राज्यों और उत्तरपूर्वी राज्यों में केंद्र सरकार इस स्कीम पर आने वाले 90 फीसदी खर्च का बोझ उठाएगी। सभी आयवर्ग के 70 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को सरकारी हेल्थ स्कीम के दायरे में लाने से करोड़ों परिवारों को फायदा होगा। बुजुर्गों को मेडिकल केयर की ज्यादा जरूरत होती है। बुजुर्ग के लिए हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम काफी ज्यादा होता है। इससे कई लोग चाहकर भी प्राइवेट हेल्थ पॉलिसी नहीं खरीद पाते हैं।