केंद्र सरकार किसानों के फसल के नुकसान की भरपाई के लिए पीएम फसल बीमा योजना चला रही है। इस योजना के तहत किसानों की रबी और खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है। खास बात यह है कि इस पीएम फसल बीमा योजना में सिर्फ 2 फीसदी प्रीमियम पर खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है। बाकी प्रीमियम सरकार की ओर से भरा जाता है। किसानों के फसलों की बर्बादी की भरपाई सरकार की ओर से बीमा के जरिए की जाती है। महाराष्ट्र के एक प्याज उत्पादक किसान ने भी इस योजना का फायदा उठाया है। किसान श्रेयस तुकाराम ने अपनी पांच एकड़ प्याज की फसल का बीमा कराया था।
दरअसल किसान तुकाराम प्याज की खेती करते हैं। उन्होंने अपनी फसल का बीमा कराया था। पिछले साल अप्रैल महीने में बारिश हो गई। ऐसे में किसान को पीएम फसल बीमा योजना के तहत 60,000 रुपये मुआवजा मिला था। उन्होंने कहा कि इस तरह से फसल का बीमा कराने का उनका दांव सफल रहा। किसान श्रेयस ने बताया कि यह नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त नहीं था, लेकिन इससे बुवाई की लागत पूरी हो गई। इससे प्याज की खेती में खास नुकसान नहीं झेलना पड़ा।
महाराष्ट्र में बढ़ा पीएम किसान का दायरा
महाराष्ट्र में पीएम फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ता जा रहा है। किसानों का रुझान अब फसल की बीमा की ओर बढ़ा है। उन्हें भरोसा हो गया है कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा जरूर मिलता है। महाराष्ट्र के नायगांव के एक किसान ने भी पीएम फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल की बीमा कराया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में महाराष्ट्र में 7.43 लाख हेक्टेयर से अधिक प्याज की फसल का बीमा किया गया है। 5 साल पहले, 2019-20 में, यह संख्या सिर्फ 45,000 हेक्टेयर थी। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामूली प्रीमियम चार्ज करने से बीमा कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2023 से महाराष्ट्र में किसानों को सिर्फ 1 रुपये का प्रीमियम देना होता है।
प्याज उत्पादन मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे
महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। देश में प्याज की 34 फीसदी से ज्यादा पैदावार महाराष्ट्र में होती है। प्रदेश के सबसे ज्यादा प्याज उगाने वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से नासिक डिवीजन है। यहां पिछले 5 में से 4 सीजन में अत्यधिक बारिश हुई है। मानसून के आखिरी में भारी बारिश के कारण खरीफ फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा, गर्मियों में भारी बारिश, विशेष रूप से 2023 में रबी फसल को भी नुकसान पहुंचा है। किसानों को सिर्फ फसल बीमा का ही सहारा मिला है।
देश के कई राज्यों के किसान पीएम फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए किसानों को एक फार्म भरना होता है। इसे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन अप्लाई कर सकते हैं। किसान अगर ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो वह पीएम फसल बीमा योजना की वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। वहीं अगर ऑफलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो नजदीकी बैंक, को-आपरेटिव सोसायटी या फिर सीएससी (कामन सर्विस सेंटर) में जाकर अप्लाई कर सकते हैं। किसानों को बीमा के लिए फसल बुआई के 10 दिनों के भीतर अप्लाई करना होता है। तभी फसल बीमा के लिए पात्र मानी जाती है।
बीमा के लिए किसानों को निर्धारित प्रीमियम देना होता है। जिसके तहत खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का 2 फीसदी, रबी फसलों का 1.5 फीसदी और व्यावसायिक और बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 फीसदी प्रीमियम भरना होता है। बाकी का भुगतान राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से किया जाता है। बता दें कि पीएम फसल बीमा योजना को केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2016 से शुरू किया था।