Third Party Vehicle Insurance: मोटर थर्ड पार्टी (TP) इंश्योरेंस प्रीमियम जल्द ही महंगा हो सकता है। IRDAI ने प्रीमियम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। अगर ऐसा होता है तो कार और गाड़ियों का इंश्योरेंस महंगा हो जाएगा। बीमा नियामक संस्था भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण यानी IRDAI ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को थर्ड पार्टी प्रीमियम में औसतन 18% की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। कुछ केटेगरी में यह बढ़ोतरी 20% से 25% तक हो सकती है।
क्यों हो रही है यह बढ़ोतरी?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस उस स्थिति में काम आता है जब गाड़ी के कारण किसी तीसरे व्यक्ति को नुकसान होता है। भारत में यह इंश्योरेंस अनिवार्य है, लेकिन पिछले चार सालों से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि बीमा कंपनियों को इस सेगमेंट में लगातार भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार FY25 में मोटर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कुल मोटर बीमा प्रीमियम का लगभग 60% और पूरे जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के कुल प्रीमियम का 19% हिस्सा रहा।
बीमा कंपनियों को कितना नुकसान?
बीमा कंपनियों के लिए लॉस रेशो यानि जितना प्रीमियम लिया गया, उसके मुकाबले कितनी अमाउंट क्लेम में दिया गया ये काफी काफी ऊंचा बना हुआ है। सरकारी कंपनी New India Assurance का TP loss ratio FY25 में 108% रहा, यानी प्रीमियम से ज्यादा क्लेम देना पड़ा। Go Digit और ICICI Lombard जैसी प्राइवेट कंपनियों का लॉस रेशो क्रमशः 69% और 64.2% रहा। इसलिए बीमा कंपनियां लगातार मांग कर रही हैं कि TP प्रीमियम को समय-समय पर अपडेट किया जाए ताकि चिकित्सा खर्च, अदालतों के दिए गए मुआवजे और सड़कों पर बढ़ते गाड़ी को भार को कवर किया जा सके।
सरकार अगले 2–3 हफ्तों में इस पर फैसला ले सकती है। फैसला होने के बाद एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसमें आम जनता और सभी संबंधित पक्षों से राय ली जाएगी। इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
एक्सपर्ट का मानना है कि यदि TP प्रीमियम में 20% तक की बढ़ोतरी होती है, तो बीमा इंडस्ट्री की अंडरराइटिंग प्रॉफिटबिलिटी (Combined Ratio) में 4–5% तक सुधार हो सकता है।
चार साल से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस दरें जमी हुई हैं, जबकि लागत और क्लेम में इजाफा हो चुका है। ऐसे में आने वाले हफ्तों में सरकार का प्रीमियम बढ़ाने का फैसला लेने की संभावना है। यदि ऐसा हुआ, तो गाड़ी मालिकों को गाड़ी के इंश्योरेसं के लिए थोड़ा ज्यादा पेमेंट करना पड़ेगा।