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D&O बीमा क्या होता है और क्यों कंपनियों को इस इंश्योरेंस की पड़ती है जरूरत

D&O (डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स) पॉलिसी लेने वाले स्टार्टअप्स निवेशकों को ज़्यादा भरोसेमंद लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह इंश्योरेंस स्टार्टअप्स के डायरेक्टर्स और सीनियर ऑफिसर्स को लीगल क्लेम से सुरक्षा प्रदान करता है

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 2:18 PM
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ऑर्गेनाइजेशन बड़ी हो या स्टार्ट-अप सभी के लिए D&O पॉलिसी आवश्यक है

D&O बीमा यानी डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स (Directors & Officers) बीमा एक प्रकार का बीमा है जो कंपनी के निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों को उनके कार्यों से जुड़े कानूनी दावों, आरोपों या मुकदमों से सुरक्षा प्रदान करता है। यदि कंपनी या उसके अधिकारी किसी निर्णय, गलती, लापरवाही या कर्तव्यों के उल्लंघन के कारण अदालत या रेगुलेटरी अथॉरिटी में फंस जाते हैं, तो यह बीमा उनके कानूनी खर्च, क्षति और सेटलमेंट की राशि कवर करता है। यह बीमा विशेष रूप से तब उपयोगी है जब शेयरहोल्डर, कर्मचारी, अथॉरिटी या थर्ड पार्टी कंपनी के नेताओं पर मुकदमा करती है। इससे कंपनी और उसके अधिकारियों की व्यक्तिगत एवं पेशेवर पूंजी सुरक्षित रहती है।

ऑर्गेनाइजेशन बड़ी हो या स्टार्ट-अप सभी के लिए आवश्यक है। प्रत्येक ऑर्गेनाइजेशन का कोई न कोई डायरेक्टर या मैनेजर जरूर होता है, उनकी प्रतिष्ठा को संभालने और किसी भी अदालती कार्रवाई के दौरान आने वाली लागत को वहन करने के लिए यह पॉलिसी बहुत ही महत्वपूर्ण है।

2. क्या पिछले एक साल में स्टार्टअप फाउंडर्स या CXOs पर केस या लीगल नोटिस ज़्यादा आए हैं? ऐसे मामलों में सबसे ज़्यादा विवाद किस वजह से होते हैं?


हां, पिछले एक साल में स्टार्टअप्स और उनके फाउंडर्स/CXOs को कई लीगल नोटिस को सामना करना पड़ा है, और इनमें कई हाई-प्रोफाइल केस भी शामिल हैं। Byju’s, BharatPe, BlueSmart जैसे मामलों में गलत रिपोर्टिंग, रेवेन्‍यू बढ़ाकर दिखाना, पेमेंट से जुड़ी गड़बड़ियां, ऑडिट में देरी जैसी वजहों से कार्रवाई हुई है।

इसके अलावा, इनवेस्टर्स और फाउंडर्स के बीच फंड के इस्तेमाल को लेकर धोखाधड़ी के आरोप या मतभेद भी बड़ी वजह बने हैं।को-फाउंडर के बीच मतभेद, बाहर की कंपनियों से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) से जुड़े विवाद, फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट, कॉर्पोरेट गवर्नेंस के फैलियर, ट्रांसपेरेंसी की कमी, इंटरनल कंट्रोल्स का अभाव, फ्रॉड और रेगुलेटरी नियमों का पालन न करना – ये सभी कारण हैं जिनकी वजह से लीगल विवाद बढ़े हैं।

3. एक अच्छी D&O इंश्योरेंस पॉलिसी स्टार्टअप को किस तरह के कानूनी झगड़ों से बचाती है?

स्टार्टअप्स में अक्सर डायरेक्टर्स और सीनियर ऑफिसर्स को ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं जो बाद में कानूनी चुनौतियों का कारण बन सकते हैं-जैसे किसी कर्मचारी द्वारा गलत ढंग से निकाले जाने, भेदभाव या कार्यस्थल उत्पीड़न का आरोप लगाना, या फिर किसी रेगुलेटरी अथॉरिटी द्वारा जांच की स्थिति।

जिसकी वजह से डायरेक्टर या ऑफिसर को कानुनी कार्रवाई के लिए अदालत में ले जाया जाता है या रेगुलेटर द्वारा उसकी जांच की जाती है तो यह पॉलिसी वकील की फीस और अदालती खर्च का भुगतान करके आपके वित्तीय बोझ को कम करती है। इससे उनकी व्यक्तिगत संपत्ति सुरक्षित रहती है और फाइनेंशियल स्ट्रेस नहीं पड़ता।

अगर किसी डायरेक्टर या ऑफिसर पर कंपनी में लिए गए किसी फैसले को लेकर कानूनी कार्यवाही होती है- जैसे गलत तरीके से अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, या भेदभाव के आरोपों का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में D&O इंश्योरेंस उस व्यक्ति को पर्सनल लीगल खर्च से बचाती है। ये एचआर-संबंधी क्लेम व्यक्तिगत रूप से फाउंडर्स या एचआर हेड पर लगाए जा सकते हैं - डी एंड ओ इंश्योरेंस पॉलिसी इन मामलों में बचाव करने की लागत को कवर करने में मदद करता है।

4. आज जब स्टार्टअप्स में छंटनी, फंड की कमी और बदलाव चल रहे हैं, तो क्या फाउंडर्स पर गलत तरीके से निकाले जाने या उत्पीड़न के केस का खतरा बढ़ गया है? 

हां आज के समय में फाउंडर्स और सभी CXOs पर कानूनी रिस्क काफी बढ़ गया है। उन्हें कई बार ऐसे मुकदमों में उनका नाम शामिल कर लिया जाता है जो गलत तरीके से नौकरी से निकाले जाने, कार्यस्थल पर उत्पीड़न या अन्य कर्मचारी संबंधी विवादों से जुड़े होते हैं।  इन मामलों में अक्सर छंटनी, रीस्ट्रक्चरिंग, या अनुचित तरीके से टर्मिनेशन जैसी स्थितियां शामिल होती हैं।

5. क्या D&O बीमा लेने से स्टार्टअप्स निवेशकों को ज़्यादा भरोसेमंद लगते हैं? क्या अब निवेशक भी इसे ज़रूरी मानने लगे हैं?

हां, D&O (डायरेक्टर्स एंड ऑफिसर्स) पॉलिसी लेने वाले स्टार्टअप्स निवेशकों को ज़्यादा भरोसेमंद लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह इंश्योरेंस स्टार्टअप्स के डायरेक्टर्स और सीनियर ऑफिसर्स को लीगल क्लेम से सुरक्षा प्रदान करता है।

आजकल कई इन्वेस्टर, खासकर वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी फर्म्स, स्टार्टअप्स में निवेश करने से पहले D&O पॉलिसी को ज़रूरी मानने लगे हैं। वे यह देखना चाहते हैं कि कंपनी ने संभावित कानूनी रिस्क से बचाव के लिए उचित प्रबंध किए हैं या नहीं। इससे न केवल फाउंडर्सा की प्रोफेशन इमेज मजबूत होती है, बल्कि इन्वेस्टर्स को भी अपने इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा का भरोसा मिलता है।

पॉलिसीबाजार की हेड (लायबिलिटी एंड साइबर इंश्योरेंस बिजनेस) इवा साइवाल के साथ बातचीत पर आधारित

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