अब आम निवेशक भी केवल 500 रुपये से भारत के बड़े मॉल, ऑफिस पार्क और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स में हिस्सेदार बन सकते हैं। इसके लिए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) का विकल्प सामने आया है, जो बिना प्रॉपर्टी खरीदे या उसकी देखभाल की चिंता किए बड़ी रियल एस्टेट संपत्तियों से होने वाली आय का सीधा फायदा देता है।
REIT को रियल एस्टेट का म्यूचुअल फंड भी कहा जा सकता है। इसमें निवेशकों का पैसा एकत्रित कर बड़े व मुनाफे वाली प्रॉपर्टी जैसे शॉपिंग मॉल, ऑफिस बिल्डिंग और लॉजिस्टिक्स हब में पूंजी लगाई जाती है। यह पूंजी पेशेवर प्रबंधन टीम द्वारा संचालित होती है, जो बेहतर संपत्ति चुनकर उच्च आय सुनिश्चित करती है। निवेशक को केवल पैसा निवेश करना होता है, बाकी सब मैनेजमेंट टीम की जिम्मेदारी होती है।
REIT में निवेश से निवेशकों को नियमित आय और कैपिटल गेन दोनों का लाभ मिलता है। इन प्रॉपर्टीज से मिलने वाले किराए का लगभग 90% हिस्सा हर छह महीने में डिविडेंड के रूप में निवेशकों को दिया जाना अनिवार्य है। इससे यह निवेश स्थिर और भरोसेमंद बन जाता है। साथ ही, प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने पर निवेश की कीमत भी बढ़ जाती है, जिसे बेचकर लाभ कमाया जा सकता है।
REIT के जरिए सिर्फ कुछ सौ या हजार रुपये से बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में हिस्सा लेकर निवेशक भारी मुनाफा कमा सकते हैं। इन यूनिट्स को स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जा सकता है, जिससे निवेश में लिक्विडिटी और पारदर्शिता बनी रहती है। यह सीधे प्रॉपर्टी खरीदने की तुलना में सरल और जोखिम कम करने वाला विकल्प है।
भारत में प्रमुख REIT विकल्प
भारत में REIT मॉडल की शुरुआत 2019 में एम्बेसी ऑफिस पार्क्स से हुई। अब माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स, ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। 1 अक्टूबर 2025 तक इनकी कीमतें क्रमशः ₹423.80, ₹459.20, ₹349.40 और ₹165.90 थी।
इस प्रकार, REIT के जरिए अब हर आम आदमी बड़े रियल एस्टेट में निवेश कर नियमित आय और संपत्ति मूल्य वृद्धि का लाभ पा सकता है, जो पारंपरिक तरीके से मुमकिन नहीं था।