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Investment Tips: निवेश से मोटा पैसा बनाना है? ये 10 फाइनेंशियल सबक आएंगे आपके काम

शेयर बाजार गिर रहा है तो क्या करें? आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बस समझदारी से काम लें। ये 10 फाइनेंशियल टिप्स आपके निवेश सफर को मजबूत बना सकते हैं- चाहे मंदी हो या तेजी।

अपडेटेड Apr 17, 2025 पर 5:09 PM
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अगर आप निवेश की दुनिया में नए हैं, तो इंडेक्स फंड जैसे विकल्पों से शुरुआत करें।

Investment Tips:  इस वक्त दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ्स, गिरती ब्याज दरें, सोने में जोरदार तेजी और शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव ने हर किसी को उलझन में डाल दिया है। इस माहौल में वो लोग भी घबरा रहे हैं जिन्होंने लंबी अवधि के लिए निवेश किया है।

लेकिन क्या सच में घबराने का वक्त है? एक्सपर्ट का मानना है, नहीं! असल में, ये वो वक्त है जब निवेशकों को ठंडे दिमाग से काम लेना चाहिए। आइए जानते हैं वो 10 अहम मनी लेसन जो आपको न केवल इस तूफान से बचाएंगे, बल्कि आपको सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

बाजार गिरा? खरीदारी का मौका समझो


जब शेयर बाजार गिरता है, तो लोग घबरा जाते हैं। लेकिन समझदार निवेशक इसे डिस्काउंट के साथ 'सेल पर सामान' मिलने जैसा देखते हैं। गिरते बाजार में अच्छी कंपनियों के शेयर सस्ते मिलते हैं। और यहीं छिपे होते हैं असली मौके।

बीच रास्ते से लौटना नहीं है समझदारी

अगर आपने किसी स्टॉक या फंड में निवेश किया है और फिलहाल वो नुकसान में है, तो घबराकर बेचने की जरूरत नहीं। अगर फंडामेंटल्स मजबूत हैं, तो लॉन्ग टर्म में मुनाफा मिलेगा ही। इसलिए जल्दबाजी में घबराकर कोई भी फैसला लेने से बचें।

पैसिव इन्वेस्टमेंट से शुरुआत करें

अगर आप निवेश की दुनिया में नए हैं, तो इंडेक्स फंड जैसे विकल्पों से शुरुआत करें। इनमें रिस्क कम होता है और आपको Nifty या Sensex जैसे इंडेक्स के अनुसार रिटर्न मिलता है।

एक्टिव और पैसिव का बैलेंस बनाएं

हर वक्त एक्टिव या सिर्फ पैसिव में निवेश करना जरूरी नहीं। समझदारी इसी में है कि दोनों का सही तालमेल बनाएं ताकि रिस्क और रिटर्न का संतुलन बना रहे।

इंश्योरेंस मतलब सिर्फ सुरक्षा, निवेश नहीं

कई लोग अक्सर बीमा पॉलिसी को निवेश समझ लेते हैं। लेकिन बीमा सिर्फ एक सुरक्षा कवच है। निवेश के लिए म्यूचुअल फंड, SIP या शेयर बाजार बेहतर रास्ते हैं। अगर आप बीमा पॉलिसी को निवेश समझेंगे, तो शायद महंगाई को मात देने लायक भी रिटर्न नहीं मिलेगा।

सोशल मीडिया से सावधान रहें

आजकल सोशल मीडिया पर इन्वेस्टमेंट से जुड़ी बहुत सी भ्रामक बातें घूमती रहती हैं। किसी भी खबर या वीडियो पर आंख मूंदकर यकीन न करें। खासकर जब उसमें किसी फेमस नेता या बिजनेसमैन का चेहरा दिखे।

‘फिनफ्लुएंसर्स’ के जाल में मत फंसो

फिनफ्लुएंसर यानी सोशल मीडिया पर पैसे की सलाह देने वाले लोग। इनकी बातें सुनने से पहले सोचें कि क्या ये सलाह आपके लिए सही है? कई बार इनका मकसद सिर्फ व्यूज और ब्रांड प्रमोशन होता है, न कि आपकी फाइनेंशियल हेल्थ।

पोर्टफोलियो की नियमित समीक्षा करें

अगर आपने पहले 80% इक्विटी और 20% डेब्ट में निवेश किया था, लेकिन इक्विटी अचानक 90% हो गया है, तो बैलेंस फिर से सही करें। ये रीबैलेंसिंग आपको लॉन्ग टर्म में स्थिर रिटर्न देगी।

थोड़ा सोना भी पोर्टफोलियो में रखें

सोना हमेशा से ही आर्थिक अनिश्चितता में सहारा रहा है। इसलिए अपने निवेश में थोड़ा हिस्सा गोल्ड में भी जरूर रखें, चाहे फिजिकल गोल्ड हो या गोल्ड बॉन्ड्स।

सही सलाह लें, गेस वर्क नहीं करें

अगर किसी चीज़ को लेकर उलझन हो रही है, तो गूगल पर भटकने से बेहतर है कि एक सेबी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। एक अच्छी सलाह आपको हजारों की गलतियों से बचा सकती है।

कहने का मतलब है कि बाजार का उतार-चढ़ाव आता-जाता रहेगा। लेकिन अगर आपकी स्ट्रैटेजी साफ है, तो रास्ता लंबा जरूर होगा, लेकिन मंजिल पक्की है। डर नहीं, समझदारी से निवेश करें। और जहां भी मन में उलझन आए, तो तुरंत फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले लें।

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