Debt fund new rule : एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) ने टैक्स से जुड़े नए नियमों के लागू होने से पहले अपने इंटरनेशनल फंड्स में निवेश फिर से शुरू कर दिया है। एडलवाइस म्यूचुअल फंड ने सब्सक्रिप्शन के लिए 7 इंटरनेशनल फंड्स को फिर से खोला है। इसके अलावा, Mirae एसेट ने 27 मार्च से एकमुश्त ट्रांजेक्शन के लिए 6 ओवरसीज फंड्स और 29 मार्च से मौजूदा सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) को फिर से खोला है। वहीं, फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने भी अपने कुछ फंड्स में एकमुश्त सब्सक्रिप्शन लेना शुरू कर दिया है।
अलग-अलग फंड हाउसों ने यह कदम नए डेट फंड नियमों के बीच उठाया है, जो 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे। नए नियमों के अनुसार, भारतीय कंपनियों के इक्विटी शेयरों में 35 फीसदी से अधिक का निवेश नहीं करने वाले म्युचुअल फंड्स से लाभ को अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। यह नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होने वाला है।
साथ ही, तीन साल से अधिक समय तक रखे गए डेट फंडों को अब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, वे 20 फीसदी टैक्स रेट के लिए पात्र नहीं होंगे। यह सभी डेट म्यूचुअल फंड्स, इंटरनेशनल फंड्स, गोल्ड फंड्स, टारगेट मैच्योरिटी फंड्स, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान्स जैसे भारत बॉन्ड्स के साथ-साथ फंड्स ऑफ फंड्स (FoFs) पर भी लागू होगा।
नए नियम के लागू होने में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में फंड हाउसों ने इनफ्लो बढ़ाने के लिए सब्सक्रिप्शन खोल दिया है। एक्सपर्ट्स निवेशकों से 31 मार्च 2023 तक उपलब्ध इस विंडो का उपयोग इंडेक्सेशन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) बेनिफिट्स का दावा करने के लिए कह रहे हैं। इंडेक्सेशन निवेशकों के लिए टैक्स को कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें महंगाई के हिसाब से करों की गणना होती है।
CNBC-TV18 से बात करते हुए Valtrust के CIO और फाउंडर अरिहंत बर्दिया ने कहा, "ब्याज दरों के पीक पर होने के चलते अब 31 मार्च 2023 से पहले डेट फंडों में पैसा लगाना बेहतर फैसला होगा।"
एडलवाइस AMC की मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर राधिका राव ने कहा कि सरकार के इस फैसले का विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, "डेट फंड्स की हमारे पोर्टफोलियो में बड़ी हिस्सेदारी है। इनके ज़रिए बॉन्ड्स मार्केट में काफी पैसा जाता था। बॉन्ड मार्केट में लिक्विडिटी लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है। इससे बॉन्ड के लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स पर असर पड़ेगा।"