गोल्ड फ्यूचर्स में 9 सितंबर को 126 रुपये की गिरावट रही और यह 71,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। गोल्ड में ग्लोबल स्तर पर 0.38 पर्सेंट की गिरावट के साथ 2,488.05 डॉलर प्रति औंस पर चला गया। यह गिरावट कमजोर ग्लोबल आर्थिक संकेतों की वजह से है, जिसका असर इनवेस्टर सेंटीमेंट पर देखने को मिल रहा है। गोल्ड में भले ही 9 सितंबर की गिरावट देखने को मिली, लेकिन हाल के दिनों में इसमें तेजी का ट्रेंड रहा है।
यह बाजार में ग्लोबल आर्थिक परिस्थितियों की वजह से उतार-चढ़ाव को दिखाता है। कामा ज्वैलरी (Kama Jewelry) के मैनेजिंग डायरेक्टर कॉलिन शाह ने बताया, 'बीते 6 सितंबर को अमेरिकी जॉब डेटा आने के बाद गोल्ड की कीमतों को बढ़ावा मिला। डेटा में जॉब ग्रोथ अनुमान से कम रही, जिससे अमेरिकी फेरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की सभावनाएं बढ़ गई हैं। अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे गोल्ड की कीमतों में तेजी की शुरुआत हो सकती है, क्योंकि निवेशक सुरक्षित एसेट्स में निवेश करेंगे। भारत में फेस्टिव सीजन के दौरान गोल्ड की मांग को सहारा मिल सकता है। '
ऑगमॉन्ट- गोल्ड फॉर ऑल में रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने बताया, 'बाजार को उम्मीद है कि 18 सितंबर को फेडरल रिजर्व अहम फैसला करेगा। फिलहाल, इस बात की 70% संभावना है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में 0.25 पर्सेंट की कटौती करेगा। इसके अलावा, 30 पर्सेंट इस बात की संभावना है कि ब्याज दर में 0.5 पर्सेंट की कमी की जा सकती है। आगामी फैसला काफी अहम है। अगर गोल्ड की कीमतों में गिरावट जारी रहती है, तो 2,479 डॉलर प्रति औंस (तकरीबन 71,000 रुपये प्रति 10 ग्राम) पर खरीदारी का बेहतर मौका हो सकता है।'
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतों में मौजूदा गिरावट खरीदारी का बेहतर मौका है। ब्याज दर को लेकर फेडरल रिजर्व के फैसले और भारत में मजबूत मांग के मद्देनजर गोल्ड की कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।