दुनियाभर में ब्याज दरें बढ़ने के संकेत हैं। अमेरिका में अगले महीने इंट्रेस्ट रेट बढ़ने जा रहा है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) इसके बारे में बता चुका है। इंग्लैंड सहित यूरोपीय देशों में भी आने वाले दिनों में ब्याज दर बढ़ने जा रही है। सवाल है कि क्या दुनियाभर में ब्याज दरों में वृद्धि का असर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के स्टॉक पोर्टफोलियो पर पड़ेगा? एलआईसी का स्टॉक पोर्टफोलियो 128 अरब डॉलर का है।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के एनालिसिस से पता चलता है कि एलआईसी के स्टॉक पोर्टफोलियो में ज्यादातर बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इनमें फाइनेंशियल और एनर्जी जैसे सेक्टर की कंपनियां हैं। इसलिए ग्लोबल रेट हाइक्स का असर एलआईसी के स्टॉक पोर्टफोलियो पर पड़ने की उम्मीद नहीं है।
एलआईसी इंडिया की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है। यह आईपीओ (LIC IPO) पेश करने जा रही है। अगले महीने यह आईपीओ आ जाने की उम्मीद है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और आईटीसी (ITC) जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। रिलायंस इंडिया की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी है। आईटीसी का बिजनेस बहुत डायवर्सिफायड है।
एनालिस्ट्स कुमार गौतम और नितिन चंदुका के मुताबिक, इंडिया के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में एलआईसी के पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी करीब 3.6 फीसदी है। उसके पोर्टफोलियो में 370 से ज्यादा कंपनियां शामिल हैं। लेकिन, ज्यादा इन्वेस्टमेंट 35 कंपनियों के शेयरों में है। पोर्टफोलियो में लार्ज कैप शेयरों की हिस्सेदारी 75 फीसदी से ज्यादा है। एनालिस्ट्स ने कहा है कि 35 कंपनियों में ज्यादा निवेश होने की वजह से एलआईसी का पोर्टफोलियो उतना डायवर्सिफायड नहीं है, जितना दिखता है।
एनालिस्ट्स ने कहा है, "एलआईसी के इक्विटी पोर्टफोलियो का ड्यूरेशन रिस्क कम दिखाई देता है।" उनका अनुमान है कि फाइनेंशियल और एनर्जी कंपनियों का ड्यूरेशन प्रोफाइल क्रमश: 12 और 16 साल है, जो कम है। एलआईसी के पोर्टफोलियो में इन दोनों सेक्टर की हिस्सेदारी 23 फीसदी और 16 फीसदी है।
एलआईसी देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस और जीवन बीमा कंपनी है। दुनिया की यह छठी सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। यह कंपनी आईपीओ से 60,000 से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। इसके 29 करोड़ से ज्यादा पॉलिसी होल्डर्स हैं, जबकि 12 से ज्यादा एजेंट्स हैं।