पेटीएम (Paytm) के शेयर के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। गुरुवार को स्टॉक मार्केट ओपन होते ही यह शेयर दबाव में आ गया। फिर, इसमें उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा। सुबह 9:30 बजे शेयर का भाव 0.51 फीसदी की कमजोरी के साथ 630.80 रुपये था। लिस्टिंग से लेकर इस शेयर ने अब तक इनवेस्टर्स को बहुत निराश किया है। सबसे पहले यह इश्यू प्राइस से काफी नीचे भाव पर लिस्ट हुआ। उसके बाद से लगातार गिर रहा है। आइए जानते हैं इस शेयर के बारे में एनालिस्ट की क्या राय है।
लिस्टिंग के बाद से पेटीएम का शेयर 71 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। पिछले साल नवंबर में यह शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुआ था। मैक्वायरी कैपिटल सिक्योरिटीज (इंडिया) के (Macquarie Capital Securities) एनालिस्ट सुरेश गणपति को इस शेयर में और गिरावट का अनुमान है। उन्होंने इसका टारगेट प्राइस घटा दिया है। खास बात यह है कि उन्होंने बहुत पहले पेटीएम की मश्किलों का संकेत दे दिया था।
गणपति ने अब इस शेयर का टारगेट प्राइस घटाकर 450 रुपये कर दिया है। पहले उन्होंने इसके लिए 700 रुपये का टारगेट प्राइस दिया था। यह शेयर इस लेवल से नीचे आ चुका है। हालांकि, बुधवार को पेटीएम का शेयर अच्छी तेजी के साथ बंद हुआ था। लेकिन, गुरुवार को स्टॉक मार्केट में शानदार तेजी के बावजूद इस शेयर में मजबूती नहीं दिखी।
पेटीएम ने पिछले साल नवंबर में आईपीओ लॉन्च किया था। कंपनी ने आईपीओ में एक शेयर की कीमत 2150 रुपये तय की थी। कंपनी का शेयर 18 नवंबर को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हुआ। यह इश्यू प्राइस से नीचे 1,560 रुपये की कीमत पर लिस्ट हुआ। 16 मार्च को यह शेयर 634.80 रुपये पर बंद हुआ।
पिछले हफ्ते आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) को नए ग्राहक बनाने से मना किया था। इससे स्मॉल फाइनेंस बैंक में खुद को बदलने की पेटीएम पेमेंट्स बैंक की संभावनाएं कम हो गई हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने कहा था कि वह इस साल मार्च में आरबीई के पास बैंकिंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करेगा। इस बारे में मनीकंट्रोल ने 9 मार्च को खबर दी थी।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक ऐसे सभी तरह के प्रोडक्ट्स ऑफर करता है, जो पेटीएम के हैं। इनमें यूपीआई भी शामिल हैं। यूपीआई मार्केट में पेटीएम की 16 फीसदी हिस्सेदारी है। पेटीएम वॉलेट के पास 33 करोड़ से ज्यादा अकाउंट्स हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नए कस्टमर बनाने पर रोक का मतलब एक तरह से पेटीएम के नए कस्टमर बनाने पर रोक है।