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IRDAI ने पॉलिसीहोल्डर के अधिकारों पर जारी किया सर्कुलर, जानिए इसमें क्या-क्या है

IRDAI का मानना है कि पॉलिसी को ठीक तरह से जानने और समझने से ग्राहक को उसका इस्तेमाल करने में आसानी होगी। अभी कई लोग पॉलिसी खरीद लेते हैं लेकिन उसने नियम और शर्तों के बारे में ठीक तरह से नहीं जानते। इससे उन्हें बाद में दिक्कत का सामना करना पड़ता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 06, 2024 पर 3:00 PM
IRDAI ने पॉलिसीहोल्डर के अधिकारों पर जारी किया सर्कुलर, जानिए इसमें क्या-क्या है
इंश्योरेंस रेगुलेटर के इस सर्कुलर में कहा गया है कि बीमा कंपनी को इंश्योरेंस प्रोसेस के अलग-अलग स्टेज पर पॉलिसीहोल्डर को पॉलिसी से जुड़ी जरूरी जानकारियां देनी होंगी।

इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) पॉलिसीहोल्डर के हितों की सुरक्षा पर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इसका मकसद पॉलिसीहोल्डर्स को उनके अधकारों के बारे में जागरूक करना है। इससे जरूरत पड़ने पर पॉलिसीहोल्डर को पॉलिसी के इस्तेमाल में मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही इससे बीमा कंपनियों के कामकाज में पारदर्शिता आएगी।

ग्राहक को पॉलिसी के बारे में जानकारी

इंश्योरेंस रेगुलेटर (IRDAI) के इस सर्कुलर में कहा गया है कि बीमा कंपनी को इंश्योरेंस प्रोसेस के अलग-अलग स्टेज पर पॉलिसीहोल्डर को पॉलिसी से जुड़ी जरूरी जानकारियां देनी होंगी। इससे ग्राहक को अपनी पॉलिसी को समझने में मदद मिलेगी। बीमा कंपनी को आसान भाषा और शब्दों में पॉलिसी के बारे में ग्राहक को बताना होगा। दरअसल, यह देखने में आया है कि कई ग्राहक पॉलिसी खरीदते वक्त कई बातों को ठीक तरह से समझ नहीं पाते हैं। इससे उन्हें बाद में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

ग्राहक को सीआईएस देना होगा

लाइफ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को ग्राहक को कस्मटर इंफॉर्मेशन शीट (CIS) उपलब्ध कराना होगा। इससे ग्राहको को पॉलिसी के प्रमुख फीचर्स को जानने में मदद मिलेगी। इसमें यह जानकारी भी शामिल होगी कि पॉलिसी के तहत क्या-क्या चीजें शामिल होंगी और क्या-क्या चीजें शामिल नहीं होंगी। कंपनियों को ग्राहकों को फ्री-लुक पीरियड और क्लेम प्रोसेस के बारे में भी बताना होगा। जीवन बीमा कंपनियों को 'शिड्यूल्ड डी' में दिए गए फॉरमैट में यह जानकारी देनी होगी।

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