ITR Filing 2025: ओल्ड टैक्स रीजीम के लिए सख्त हुए नियम, अब बिना सबूत नहीं मिलेगा डिडक्शन

ITR Filing 2025: ITR फाइलिंग नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। पुराने टैक्स सिस्टम में अब बिना दस्तावेजी सबूत के टैक्स डिडक्शन नहीं मिलेगा। निवेश, खर्च और लोन की डिटेल PAN/आधार से लिंक होगी। पूरी डिटेल के लिए पढ़ें यह खबर।

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 7:52 PM
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ओल्ड टैक्स रीजीम के साथ न्यू टैक्स रीजीम और ITR फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं।

ITR Filing 2025: वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया पहले से अधिक सख्त हो गई है। पुराने टैक्स रीजीम को चुनने वाले टैक्सपेयर्स को अब अलग-अलग सेक्शन के तहत किए गए निवेश और खर्च के डिडक्शन क्लेम करने के लिए दस्तावेजी सबूत देना होगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि अब सिर्फ एकमुश्त रकम की एंट्री से छूट नहीं मिलेगी। सभी डिडक्शनों के लिए डिटेल ब्रेकअप और संबंधित निवेश या खर्च की डिटेल देना जरूरी होगा। इसका मकसद गलत डिडक्शन और फर्जी रिफंड क्लेम पर रोक लगाना है।

टैक्स डिडक्शन में क्या बदलाव आया है?


अब टैक्सपेयर्स को निवेश और खर्च की जानकारी PAN और आधार से लिंक करनी होगी। इससे इंश्योरेंस कंपनियों, बैंकों, वाहन पोर्टल (Vahan), नियोक्ताओं और अन्य सरकारी प्लेटफॉर्म्स से क्रॉस-वेरिफिकेशन संभव होगा। टैक्स विभाग को उम्मीद है कि इस कदम से गलत रिटर्न और छिपी हुई आय को रोकने में मदद मिलेगी।

किन डिडक्शन पर देनी होगी जानकारी?

  1. सेक्शन 80C (निवेश): LIC, PPF, NSC, ELSS, होम लोन प्रिंसिपल आदि के लिए पॉलिसी नंबर या दस्तावेज पहचान संख्या देना अनिवार्य होगा।
  2. हाउस रेंट अलाउंस (HRA): कर्मचारियों को अपना बेसिक वेतन, कार्यस्थल का स्थान, प्राप्त HRA और चुकाया गया किराया बताना होगा।
  3. सेक्शन 80D (हेल्थ इंश्योरेंस): बीमा कंपनी का नाम और पॉलिसी नंबर देना होगा।
  4. सेक्शन 24b (होम लोन पर ब्याज): लोन देने वाली संस्था का नाम, लोन खाता संख्या, सैंक्शन की तारीख, कुल लोन राशि, मौजूदा बकाया और ब्याज की रकम देना आवश्यक है।
  5. सेक्शन 80E (हायर एजुकेशन लोन): लोन अकाउंट की पूरी जानकारी के साथ ब्याज की राशि देनी होगी।
  6. सेक्शन 80EEB (इलेक्ट्रिक व्हीकल लोन): लोन डिटेल्स के साथ गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर भी देना होगा।
  7. सेक्शन 80DDB (गंभीर बीमारियों का इलाज): उपचार किए जा रहे रोग का नाम स्पष्ट करना होगा।
  8. सेक्शन 80EEA (सस्ते मकान पर लोन): सेक्शन 80EE के हिसाब से सभी जानकारियां साझा करनी होंगी।

ITR भरने की डेडलाइन बढ़ाई गई

ओल्ड टैक्स रीजीम के साथ न्यू टैक्स रीजीम और ITR फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं। इसी के चलते इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इसका मतलब है कि अब करदाताओं को रिटर्न फाइल करने के लिए 45 दिनों का अतिरिक्त समय मिलेगा।

एक्सपर्ट का कहना है कि टैक्सपेयर्स को सभी निवेश व खर्च से जुड़े प्रूफ पहले से तैयार रखने चाहिए। इससे समय पर और सही रिटर्न दाखिल किया जा सकेगा। गलत जानकारी देने या बिना दस्तावेजी सबूत के डिडक्शन क्लेम करने पर टैक्स विभाग कार्रवाई कर सकता है।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Jun 03, 2025 7:10 PM

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