ITR Filing: इनकम टैक्स का नोटिस आ गया तो आप क्या करेंगे? जानिए इसका जवाब

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बीत जाने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड की प्रक्रिया शुरू करता है। साथ ही वह ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भी भेजता है, जिनके इनकम टैक्स रिटर्न में किसी तरह की कमी पायी जाती है

अपडेटेड Aug 07, 2024 पर 4:31 PM
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजने के लिए अलग-अलग सेक्शन का इस्तेमाल करता है।

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल कर देने के बाद टैक्सपेयर्स रिफंड का इंतजार करते हैं। रिफंड सिर्फ ऐसे टैक्सपेयर्स को मिलता है, जिन्होंने ज्यादा टैक्स चुकाया होता है। इसके अलावा अगर टैक्सपेयर के इनकम टैक्स रिटर्न में किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजने के लिए अलग-अलग सेक्शन का इस्तेमाल करता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

सेक्शन 143(1) के तहत नोटिस

इस सेक्शन के तहत भेजे गए नोटिस (Income Tax Notice) का मकसद यह बताना होता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने आपके आईटीआर में बताए गए टैक्स को मैच कराया है। यह एक शुरुआती एसेसमेंट है, जिसे समरी एसेसमेंट भी कहा जाता है। इसमें टैक्स का डिटेल रिव्यू नहीं होता है। एक तरह से इसका मतलब यह है कि फिलहाल आपके रिटर्न की प्रोसेसिंग हो गई है। इससे यह भी पता चलता है कि क्या आपको अतिरिक्त टैक्स चुकाना है या आपका रिफंड बन रहा है।

इस सेक्शन के तहत तीन तरह के इंटिमेशन होते हैं:


1. बगैर डिमांड या रिफंड का इंटिमेशन: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जब टैक्सपेयर की तरफ से फाइल रिटर्न को एक्सेप्ट कर लेता है और किसी तरह के एडजस्टमेंट की जरूरत नहीं होती है तो यह इंटिमेशन जारी किया जाता है।

2. डिमांड के साथ इंटिमेशन: यह इंटिमेशन तब भेजा जाता है जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एडजस्टमेंट किया होता है और यह पाता है कि टैक्सपेयर को अभी कुछ और टैक्स देना होगा।

3. रिफंड के साथ इंटिमेशन: अगर टैक्सपेयर ने ज्यादा टीसीएस, टीडीएस, एडवान्स टैक्स या सेल्फ एसेसमेंट टैक्स चुका दिया है तो यह इंटिमेशन भेजा जाता है। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर को डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड मिलेगा।

सेक्शन 142(1) के तहत नोटिस

यह नोटिस तब भेजा जाता है जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर से कुछ और जानकारियां चाहता है। आईटीआर में किसी जानकारी को लेकर स्पष्टीकरण की जरूरत होने पर या किसी क्लेम के लिए अतिरिक्त डॉक्युमेंट की जरूरत होने पर भी यह नोटिस भेजा जाता है।

सेक्शन 143(2) के तहत नोटिस

अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का एसेसिंग अफसर (AO) सेक्शन 142(1) के तहत जारी नोटिस के आपके जवाब या आपकी तरफ से सब्मिट किए गए डॉक्युमेंट से संतुष्ट नहीं है तो वह इस सेक्शन के तहत नोटिस भेज सकता है। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर के आईटीआर का करीबी रिव्यू जरूरी है।

सेक्शन 148 के तहत नोटिस

जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह लगता है कि आप किसी इनकम के बारे में बताना भूल गए हैं या आपने पूरा टैक्स नहीं चुकाया है तो वह इस सेक्शन के तहत नोटिस भेजता है। यह एक तरह से रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्मल रिक्वेस्ट होता है।

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नोटिस मिलने पर आपको क्या करना चाहिए?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिलने पर सबसे पहले आपको उसे ठीक तरह से समझने की कोशिश करनी चाहिए। आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि इनकम टैक्स के नोटिस का जवाब देने के लिए 30 दिन का समय मिलता है। इसका मतलब है कि आपके पास नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय होता है। इसलिए टैक्सपेयर को किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। मामले को ठीक तरह से समझने के बाद नोटिस का जवाब देना चाहिए। अगर टैक्सपेयर 30 दिन के अंदर नोटिस का जवाब नहीं देता है तो डिपार्टमेंट बगैर किसी एडजस्टमेंट आपके रिटर्न को प्रोसेस करेगा। इसके बाद आपके किसी तरह के करेक्शन का मौका नहीं मिलेगा।

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