ITR Filing: फॉर्म 16 का सही इस्तेमाल करेंगे तो आईटीआर फाइलिंग में नहीं होगी गलती, जानिए आपको क्या ध्यान में रखना है

अगर अब तक एंप्लॉयर ने आपको फॉर्म 16 जारी नहीं किया है तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से फॉर्म 26एएस और एनुअल इंफॉर्मेशन रिपोर्ट डाउनलोड कर लें। इन दोनों का इस्तेमाल आईटीआर फाइलिंग में पड़ेगी

अपडेटेड Jun 14, 2024 पर 2:35 PM
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फॉर्म 16 के दो हिस्से होते हैं-पार्ट ए और पार्ट बी। पार्ट ए में फाइनेंशियल की हर तिमाही में इनकम से काटे गए टैक्स की जानकारी होती है।

अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको फॉर्म 16 मिल गया होगा। अगर नहीं मिला है तो जल्द मिल जाएगा। फॉर्म 16 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए जरूरी है। इससे रिटर्न फाइल करना आसान हो जाता है। नौकरी करने वाले लोगों को उनके एंप्लॉयर (कंपनी) की तरफ से हर साल फॉर्म 16 जारी किया जाता है। इसमें टैक्सपेयर्स की ग्रॉस इनकम, नेट इनकम, इनकम से काटे गए टैक्स (टीडीएस) की जानकारी होती है।

15 जून तक फॉर्म 16 जारी करना जरूरी है

इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, हर एंप्लॉयर को अपने एंप्लॉयीज को 15 जून तक फॉर्म 16 (Form 16) जारी कर देना जरूरी है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि इसमें दी गई जानकारियां पिछले फाइनेंशियल ईयर की होती हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल हर साल मार्च में खत्म फाइनेंशियल ईयर का रिटर्न फाइल करने के लिए होता है। इसके दो हिस्से होते हैं-पार्ट ए और पार्ट बी। पार्ट ए में फाइनेंशियल की हर तिमाही में इनकम से काटे गए टैक्स की जानकारी होती है।


फॉर्म 16 में दी गई जानकारियां चेक करना जरूरी है

अगर आपको फॉर्म 16 मिल गया है तो आपको यह चेक कर लेना जरूरी है कि फॉर्म 26एएस में जितना टीडीएस दिखाया गया है, उतना फॉर्म 16 में दिखाया गया है या नहीं। अगर दोनों में किसी तरह का फर्क है तो आपको इस बारे में अपने एंप्लॉयर को बताना होगा। वह टीडीएस के डेटा की जांच करेगा और गड़बड़ी को ठीक करेगा। इससे आपको बाद में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

फॉर्म 16 में कंपनी की तरफ से मिलने वाली इनकम की पूरी जानकारी

फॉर्म 16 के पार्ट बी में यह जानकारी होती है कि वित्त वर्ष के दौरान एंप्लॉयी को कुल कितना अमाउंट सैलरी के रूप में पेमेंट हुआ है। इसमें कंपनी की तरफ से एंप्लॉयी को मिलने वाले भत्तों की भी जानकारी होती है। इसमें डिडक्शंस और एग्जेमप्शंस की भी जानकारी होती है। इसी के आधार पर एंप्लॉयी की नेट सैलरी निकाली जाती है। इस पर टैक्सपेयर्स को टैक्स चुकाना होता है।

फॉर्म 26एएस में दी गई जानकारी को मैच करा लें

अगर आपने इनकम टैक्स की वेबसाइट से फॉर्म 26एएस डाउनलोड कर लिया है तो इसमें दी गई जानकारियों को फॉर्म 16 से मैच कराना जरूरी है। कुल काटे गए टैक्स और कुल जमा किए गए टैक्स की जानकारी दोनों डॉक्युमेंट्स में होती है। दोनों में किसी तरह का फर्क नहीं होना चाहिए। अगर ये दोनों अमाउंट एक हैं तो फिर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। अगर ये जानकारियां मैच नहीं करती हैं तो उसे ठीक कराना जरूरी है।

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