इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) डेडलाइन से पहले फाइल करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर लेट फीस और टैक्स पर इंटरेस्ट चुकाने के साथ कई दिक्कतों का सामना टैक्सपेयर को करना पड़ सकता है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर, बिजनेस या कंपनी के लिए रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख अलग-अलग होती है। इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जरूरी होने पर डेडलाइन बढ़ा देता है।
डेडलाइन के अंदर रिटर्न फाइल करने के फायदे
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) आपकी इनकम और टैक्स का ऑफिशियल रिकॉर्ड होता है। यह लोन, वीजा और दूसरे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस में मदद करता है। तय समय के अंदर रिटर्न फाइल करने का मतलब है कि आप टैक्स के नियमों की परवाह करते हैं। इससे आप पर पेनाल्टी लगने और आपके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू होने की आशंका घट जाती है। कुछ खास स्थितियों में आईटीआर फाइल करना एक विकल्प नहीं है बल्कि कानूनी अनिवार्यता है।
क्यों आईटीआर फाइल करना जरूरी है
आपकी कुल सालाना इनकम अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से तय बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो आपके लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है। टैक्स एंड कंसल्टिंग फर्म एकेएम ग्लोबल के येशू सहगल ने कहा, "अगर व्यक्ति की एनुअल इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है तो उसे रिटर्न फाइल करना चाहिए। ओल्ड टैक्स रीजीम के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 2.5 लाख रुपये है।"
सीनियर सिटीजंस के लिए भी जरूरी है रिटर्न फाइल करना
सहगल ने बताया कि सीनियर सिटीजन यानी 60 से लेकर 80 साल तक के उम्र के टैक्सपेयर के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है। सुपर सीनियर सिटीजन यानी 80 और इससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 5 लाख रुपये है। नई टैक्स रीजीम में बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये है। कंपनियों और पार्टनरशिप फर्मों को लॉस होने पर भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
बगैर रिटर्न फाइल किए नहीं मिलेगा रिफंड
अगर एक वित्त वर्ष के दौरान आपने ज्यादा टैक्स चुका दिया है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद ही आपको रिफंड मिलेगा। इसके अलावा डेडलाइन के अंदर रिटर्न फाइल करने पर आप अपने लॉस को बाद के सालों में कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं। इसे आपके फ्यूचर गेंस के साथ एडजस्ट किया जा सकता है। सैलरीड इंडिविजुअल्स और दूसरे टैक्सपेयर्स (जिनके लिए ऑडिट जरूरी नहीं) के लिए रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है।
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कंपनियों के लिए अलग है डेडलाइन
कंपनियों और दूसरे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए अपने अकाउंट्स का ऑडिट कराना जरूरी होता है। उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर होती है। ऐसे मामले में जिनमें ट्रांसफर प्राइसिंग शामिल होती है, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर है।
अगर आप रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन मिस कर जाते हैं तो आप 31 दिसंतर तक उसे फाइल कर सकते हैं। इसके लिए आपको पेनाल्टी और टैक्स अमाउंट पर इंटरेस्ट देना होगा। सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम के लिए पेनाल्टी 1000 रुपये है, जबकि सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर 5 हजार रुपये की पेनाल्टी लगती है।