इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की की डेडलाइन अब तकरीबन खत्म होने वाली है। असेसमेंट ईयर 2025-26 (AY26) के लिए ITR की आखिरी तारीख 15 सितंबर तक बढ़ाई गई थी, क्योंकि ITR फॉर्म में कई बदलाव हुए थे। कई लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इसे फिर से बढ़ाया जाएगा, लेकिन इसकी संभावना काफी कम है। सरकारी डेटा के मुताबिक, 6.3 करोड़ से अधिक लोग अपना रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। आइए जानते हैं कि 15 सितंबर के बाद ITR फाइल करने पर क्या होगा।
डेडलाइन चूकने पर क्या होगा?
अगर आप आखिरी तारीख के बाद ITR दाखिल करते हैं, तो आपको जुर्माना और अन्य शुल्क देना पड़ सकता है। देर से यानी बिलेटेड ITR दाखिल करने पर ध्यान देने वाली बातें ये हैं:
डेडलाइन चूकने पर क्या करें?
आप 31 दिसंबर, 2025 से पहले बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए सेक्शन 234F के तहत लेट फीस लगेगी। बिलेटेड रिटर्न पर आपकी इनकम और बकाया टैक्स के आधार पर अधिकतम ₹5,000 का जुर्माना और ब्याज लगेगा।
अगर आप बिलेटेड रिटर्न की तारीख भी चूक गए, तो आप धारा 139(8A) के तहत अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं। यह केवल कुछ खास हालात में ही संभव है और इसमें अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है। ऐसे में पेनल्टी और किसी भी टैक्स नोटिस से बचने के लिए अपनी ITR समय पर दाखिल करना ही सही रहेगा।
क्या डेडलाइन आगे बढ़ेगी?
कई टैक्सपेयर्स और टैक्स प्रोफेशनल्स ITR की डेडलाइन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनकी दलील है कि टैक्स पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ी और यूटिलिटीज जारी होने में देरी हुई। इससे टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने का पूरा समय नहीं मिल पाया। अभी भी पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ी की शिकायत आ रही हैं। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि डेडलाइन फिर से आगे बढ़ने की संभावना लगभग न के बराबर है।
सरकार की ओर से भी आखिरी तारीख बढ़ाने का कोई संकेत नहीं मिला है। 7 सितंबर को जारी प्रेस रिलीज में भी सरकार ने स्पष्ट किया था कि ITR दाखिल करने की डेडलाइन 15 सितंबर ही है। इसका मतलब है कि जो लोग अब तक रिटर्न नहीं भर पाए हैं, उन्हें फौरन रिटर्न भर देना चाहिए।
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