8th Pay Commission में कितना होगा फिटमेंट फैक्टर? सैलरी स्ट्रक्चर में होगा ये बदलाव

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने नवंबर की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रोसेस शुरू कर दिया है। चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति के बाद अब कर्मचारियों और पेंशनरों में सबसे ज्यादा चर्चा फिटमेंट फैक्टर को लेकर है

अपडेटेड Nov 27, 2025 पर 5:53 PM
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8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने नवंबर की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रोसेस शुरू कर दिया है।

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने नवंबर की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रोसेस शुरू कर दिया है। चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति के बाद अब कर्मचारियों और पेंशनरों में सबसे ज्यादा चर्चा फिटमेंट फैक्टर को लेकर है। फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर की तरह होता है जो ये तय करता है कि आपकी बेसिक सैलरी और पेंशन कितनी बढ़ेगी। लेकिन फिटमेंट फैक्टर तय कैसे होता है, पहले कितने फैक्टर रहे और 8वें वेतन आयोग कितना रहत सकता है?

फिटमेंट फैक्टर कैसे तय होता है?

फिटमेंट फैक्टर कोई तय फॉर्मूला से नहीं निकलता, बल्कि इसे कई आर्थिक और प्रशासनिक पहलुओं को देखने के बाद बनाया जाता है। ये महंगाई, CPI और CPI-IW इंडेक्स, सरकारी बजट, वेतन पर कुल खर्च, और प्राइवेट सेक्टर में समान पदों का वेतन ये सभी बातें मिलकर तय करती हैं कि फिटमेंट फैक्टर कितना होना चाहिए। इसका उद्देश्य सैलरी स्ट्रक्चर को संतुलित रखना और कर्मचारियों को उचित बढ़ोतरी देना होता है।


पहले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर क्या रहा?

पिछले आयोगों में देखा जाए तो 6वें वेतन आयोग ने पहले 1.74 फैक्टर सुझाया था, लेकिन कर्मचारियों की मांग पर कैबिनेट ने इसे बढ़ाकर 1.86 कर दिया था। वहीं 7वें वेतन आयोग में सभी कर्मचारियों के लिए एकसमान 2.57 फैक्टर लागू हुआ। यह फैक्टर इसलिए रखा गया क्योंकि 125% डीए जोड़ने पर वेतन पहले ही लगभग 2.25 गुना हो रहा था और आयोग ने इसमें 14% की वास्तविक बढ़ोतरी जोड़कर कुल 2.57 मल्टीप्लायर तय किया।

क्या हर लेवल के लिए अलग फॉर्मूला होगा? और क्या कैबिनेट इसे बदल सकती है?

8वें वेतन आयोग में भी फिटमेंट फैक्टर सभी लेवल (1–18) के लिए एक जैसा रहने की संभावना है। अलग-अलग लेवल पर रैशनलाइजेशन इंडेक्स अलग होता है, लेकिन फिटमेंट फैक्टर उससे अलग होता है। साथ ही वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं होतीं। जैसे 6वें वेतन आयोग में सरकार ने आयोग से ज्यादा फैक्टर लागू किया था, उसी तरह 8वें आयोग में भी कैबिनेट अपनी आर्थिक स्थिति और प्राथमिकताओं के आधार पर फैक्टर बढ़ा या घटा सकती है।

DA, इंक्रीमेंट और परिवार यूनिट का 8th CPC फैक्टर पर प्रभाव

बढ़ते डीए और दो वार्षिक इंक्रीमेंट्स के कारण कर्मचारियों का वर्तमान वेतन लगभग 20% तक बढ़ चुका है। उदाहरण के लिए 58% डीए, 18 महीनों का अनुमानित 7% डीए और दो इंक्रीमेंट से 7% इन सबको जोड़ने पर मौजूदा 1.58 का रेशो लगभग 1.78 तक पहुंचता है। एक्सपर्ट का अनुमान है कि परिवार यूनिट को 3 से बढ़ाकर 3.5 करने पर फैक्टर लगभग 1.98 हो सकता है, और महंगाई के असर को जोड़ें तो संभावित फिटमेंट फैक्टर 2.13 तक जा सकता है। अगर परिवार यूनिट 4 कर दी गई, तो यह 2.64 तक भी पहुंच सकता है।

आपकी सैलरी और पेंशन पर क्या असर पड़ेगा?

अगर किसी कर्मचारी का बेसिक पे 18000 रुपये है, तो 1.83 फैक्टर पर यह 32940 रुपये तक और 2.46 फैक्टर पर 44280 रुपये तक पहुच सकता है। वहीं जिनका बेसिक पे 50000 रुपये है, उनका नया बेसिक 1.83 फैक्टर पर 91500 रुपये और 2.46 फैक्टर पर 123000 रुपये हो सकता है। पेंशनरों के लिए भी यही नियम लागू होगा। उदाहरण के लिए अगर किसी की पेंशन कैलकुलेशन का बेसिक 25000 रुपये है, और 8वें वेतन आयोग में 2.0 फैक्टर लागू होता है, तो नया बेसिक 50000 रुपये होगा और नई पेंशन 25000 रुपये (यानी 50%) तय होगी।

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