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Small Saving Schemes: 30 सितंबर को अपडेट होगा नया इंटरेस्ट रेट, वित्त मंत्रालय ने की पिछली दरों को बरकरार रखने की घोषणा की

Small Saving Schemes: सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। इसमें PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, SCSS, NSC, किसान विकास पत्र जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं।

अपडेटेड Sep 25, 2025 पर 7:06 PM
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सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (1 जुलाई से 30 सितंबर 2025) के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यह लगातार छठी तिमाही है जब सरकार ने इन योजनाओं की ब्याज दरें अपरिवर्तित रखी हैं, जो निवेशकों के लिए स्थिरता और भरोसे का संकेत है। इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) समेत अन्य योजना शामिल हैं।

PPF पर 7.1%, सुकन्या समृद्धि योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 8.2%, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.7% तथा किसान विकास पत्र पर 7.5% की वार्षिक ब्याज दरें लागू हैं। ये योजनाएं खास तौर पर मध्यम वर्ग, ग्रामीण इलाकों के लोग, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं और सुरक्षित निवेश के तौर पर जानी जाती हैं। छोटे निवेशकों के लिए ये योजनाएं नियमित और सुनिश्चित रिटर्न का विकल्प देती हैं।

ब्याज की गणना इन छोटी बचत योजनाओं में सालाना कंपाउंडिंग के आधार पर की जाती है, जिससे निवेशकों को ज्यादा फायदा पहुंचता है। सरकार की इस नीति का मकसद आम जनता की बचत के प्रति उत्साह बनाए रखना और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराना है।


30 सितंबर 2025 को वित्त मंत्रालय इन ब्याज दरों की अगली समीक्षा करेगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि आगे की तिमाही में कोई बदलाव होगा या ये दरें बरकरार रहेंगी। इस समीक्षा से निवेशकों को अपनी बचत योजना के बारे में स्पष्टता मिलेगी और वे सही निर्णय ले सकेंगे। मौजूदा आर्थिक हालात, मुद्रास्फीति का स्तर, और नीति निर्माताओं की दिशा-निर्देशों के आधार पर यह देखना होगा कि सरकार क्या कदम उठाती है। फिलहाल, ब्याज दरों में स्थिरता से यह संदेश जाता है कि घरेलू बचत योजनाएं निवेशकों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प जारी रहेंगी।

यह छोटी बचत योजनाएं आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर लाभ भी प्रदान करती हैं, जो उन्हें और भी आकर्षक बनाती हैं। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक आर्थिक परिस्थिति में अनपेक्षित बदलाव नहीं होता, तब तक ये ब्याज दरें स्थिर रहने की संभावना ज्यादा है।

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