नए लेबर कोड्स में बदल गए हैं ग्रेच्युटी के नियम, जानिए इससे जुड़े अपने हर सवाल का जवाब

अभी ग्रेच्युटी के लाभ कम से कम पांच साल नौकरी पूरे होने पर मिलता है। इस नियम को बदल दिया गया है। अब एक साल नौकरी पूरी होने पर ग्रेच्युटी का फायदा मिलेगा। लेकिन, यह नियम सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट एंप्लॉयीज के लिए है

अपडेटेड Nov 24, 2025 पर 10:50 PM
Story continues below Advertisement
नए लेबर कोड्स 21 नवंबर से लागू हो गए हैं।

सरकार ने 21 नवंबर को नए लेबर कोड्स लागू कर दिए। इसमें एंप्लॉयीज के लिए कई अहम बातें शामिल हैं। कई नियम बदल गए हैं। अब ग्रेच्युटी का नियम भी बदल गया है। अभी ग्रेच्युटी के लाभ कम से कम पांच साल नौकरी पूरे होने पर मिलता है। इस नियम को बदल दिया गया है। अब एक साल नौकरी पूरी होने पर ग्रेच्युटी का फायदा मिलेगा। इस बदलाव का क्या मतलब है? आइए सवाल-जवाब के जरिए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

क्या स्थायी एंप्लॉयीज को ग्रेच्युटी के नए नियम का फायदा मिलेगा?

नहीं। पर्मानेंट (स्थायी) या रेगुलर एंप्लॉयीज को आगे भी कम से कम पांच साल की नौकरी पूरी होने पर ही ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।


मैं पर्मानेंट एंप्लॉयी नहीं हूं, क्या मुझे ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा?

नए लेबर कोड्स में कहा गया है कि फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयीज और कुछ खास कैटेगरी के कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को ग्रेच्युटी का फायदा मिलेगा। अब ऐसे एंप्लॉयीज को उनके सर्विस पीरियड के अनुपात में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। इसके लिए कम से कम 5 साल नौकरी की शर्त लागू नहीं होगी। हालांकि, नौकरी कम से कम एक साल पूरी होनी चाहिए।

ग्रेच्युटी के मामले में फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयी (FTE) का मतलब क्या है?

एफटीई का मतलब ऐसे एंप्लॉयी से है, जिसे कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाता है। यह कॉन्ट्रैक्ट एक निश्चित समय के लिए होता है। यह अवधि 6 महीने, 1 साल, 18 महीने या इससे ज्यादा हो सकती है। हालांकि, ऐसे एंप्लॉयीज 'अस्थायी' एंप्लॉयीज की कैटेगरी में नहीं आते हैं। इन्हें फिक्स्ड टर्म के लिए रेगुलेर एंप्लॉयी माना जाता है।

अगर मैं एक साल के बाद नौकरी छोड़ देता हूं तो क्या ग्रेच्युटी मिलेगी?

अगर आप फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयी हैं तो आपको एक साल के बाद नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी मिलेगी। नए लेबर कोड्स में एफटीई को एक साल नौकरी पूरी होने पर ग्रेच्युटी देने का प्रावधान है, भले ही वह तय समय से पहले नौकरी छोड़ देता है। लेकिन, स्थायी एंप्लॉयी एक साल बाद नौकरी छोड़ने पर ग्रेच्युटी का हकदार नहीं होगा।

क्या ग्रेच्युटी के कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल गया है?

नहीं, ग्रेच्युटी का फॉर्मूला बदला नहीं है। इस फॉर्मूला में 15 दिन के वेजेज को सर्विस के पूरे हुए साल से गुणा किया जाता है। फिर जो संख्या आती है वह ग्रेच्युटी का अमाउंट होता है। नए लेबर कोड्स में ग्रेच्युटी के कैलकुलेशन का फॉर्मूला नहीं बदला है। लेकिन, वेजेज की परिभाषा बदल गई है। इससे एंप्लॉयी को ग्रेच्युटी के रूप में मिलने वाला पैसा बढ़ सकता है।

यह भी पढ़ें: पैसे की जरूरत पड़ने पर गोल्ड ज्वेलरी बेचें या गोल्ड लोन लें? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

क्या गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को ग्रेच्युटी मिलेगी?

नहीं। नए लेबर कोड्स में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत लाया गया है। लेकिन, उन्हें ग्रेच्युटी का फायदा देने का प्रस्ताव नहीं है। ग्रेच्युटी का लाभ सिर्फ 'एंप्लॉयी' को मिलता है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।