इमर्जेंसी में घर में रखा गोल्ड बहुत काम आता है। इसे बेचने पर पैसा तुरंत हाथ में आ जाता है। गोल्ड ज्वेलरी पर गोल्ड लोन भी लिया जा सकता है। बैंक और एनबीएफसी आसानी से गोल्ड ज्वेलरी पर लोन दे देते हैं। आप लोन के पैसे चुकाकर अपनी गोल्ड ज्वेलरी वापस ले लेते हैं। सवाल है कि दोनों में से आपके लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद है?
बेचने पर गोल्ड ज्वेलरी हाथ से निकल जाती है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड ज्वेलरी बेचने का नुकसान यह है कि वह हमेशा के लिए आपके हाथ से निकल जाती है। गोल्ड लोन लेने पर आपकी ज्वेलरी आपके पास बनी रहती है। लोन का पैसा चुकाने के बाद बैंक उसे आपको वापस कर देता है। इस दौरान गोल्ड की कीमतों में होने वाले इजाफे का फायदा आपको मिलता है।
गोल्ड लोन एक व्यावहारिक और सुरक्षित सॉल्यूशन
डीबीएस बैंक इंडिया के एग्जिक्यूटिव विशाल सिंह ने कहा, "गोल्ड लोन एक व्यावहारिक और सुरक्षित सॉल्यूशन है। इसमें आपको पैसा तुरंत मिल जाता है जबकि गोल्ड में निवेश की वैल्यू बनी रहती है। ग्राहक को बैंक के पास गिरवी रखे गोल्ड की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि बैंक उसे अपने वॉल्ट में रखता है।"
गोल्ड की ऊंची कीमतों का फायदा उठाने का मौका
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतें अभी रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब हैं। ऊंची कीमतों का फायदा उठाने के लिए गोल्ड बेचा जा सकता है। बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट सोसायटी के वाइस प्रेसिडेंट किंजल शाह ने कहा, "गोल्ड के हाई रेट्स को देखते हुए इसे बेचने पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है, क्योंकि इससे ऊंची कीमतों का फायदा मिलता है। लोन पर इंटरेस्ट नहीं चुकाना पड़ता है।"
छोटी अवधि की जरूरत के लिए गोल्ड लोन सही रास्ता
उन्होंने कहा कि गोल्ड लोन में आरबीआई की एलटीवी लिमिट लागू होती है। इसका मतलब है कि अगर आपको कम पैसे की जरूरत है तो आप गोल्ड ज्वेलरी गिरवी रखकर बैंक से लोन ले सकते हैं। खासकर तब जब आपको कुछ समय के लिए ही पैसे की जरूरत है। लेकिन, अगर आपको ज्यादा पैसे की जरूरत है और आप लोन पर EMI नहीं चुकाना चाहते हैं गोल्ड ज्वेलरी बेचना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
टैक्स के पहलू का भी रखना होगा ध्यान
शाह ने कहा कि टैक्स के पहलू को भी ध्यान में रखना होगा। फिजिकल गोल्ड बेचने पर कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होता है। अगर आप गोल्ड ज्वेलरी 24 महीनों के बाद बेच रहे हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स चुकाना होगा। इससे पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा। लेकिन, गोल्ड लोन लेने में किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है, क्योंकि गोल्ड की ओनरशिप ट्रांसफर नहीं होती है।