₹1.70 लाख सैलरी,90000 रुपये EMI, जीरो सेविंग! यंग प्रोफेशनल का इतनी सैलरी पर भी नहीं बच रहा पैसा

मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी, 1.70 लाख रुपये महीना सैलरी, 3 कमरे का अपार्टमेंट, नई कार, एप्पल का फोन.. लेकिन फिर भी जीरो सेविंग। 1.70 लाख रुपये महीना कमाने के बाद भी 1 रुपये भी नहीं बच रहा। बाहर से देखने में सब कुछ परफेक्ट लगता है

अपडेटेड Nov 03, 2025 पर 3:12 PM
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मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी, 1.70 लाख रुपये महीना सैलरी, 3 कमरे का अपार्टमेंट, नई कार, एप्पल का फोन.. लेकिन फिर भी जीरो सेविंग।

1.70 लाख रुपये महीना सैलरी, 3 कमरे का अपार्टमेंट, नई कार, एप्पल का फोन.. लेकिन फिर भी जीरो सेविंग। 1.70 लाख रुपये महीना कमाने के बाद भी 1 रुपये भी नहीं बच रहा। बाहर से देखने में सब कुछ परफेक्ट लगता है। अच्छी जॉब, बड़ा सैलरी पैकेट और स्टाइलिश लाइफस्टाइल, ऐसी शानदार लाइफ लेकिन ये चमकदार लाइफ अंदर से कितनी खाली है, ये सोशल मीडिया पोस्ट में वायरल हो रहा है।

AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर भूपेंद्र पॉपटानी ने हाल ही में X (पहले ट्विटर) पर अपने एक क्लाइंट का अनुभव शेयर किया। उनका 30 साल का क्लाइंट हर महीने 1.7 लाख रुपये कमाता है। अभी नई शादी हुई है और ज़िंदगी परफेक्ट लगती है, जिसमें नई कार, महंगा iPhone और खूबसूरत घर सब है। लेकिन असली कहानी कुछ और ही है।

पॉपटानी ने लिखा कि उसकी सैलरी में से लगभग 90,000 EMI में चला जाता है। कार, मोबाइल और शादी के बाद खरीदी गई चीजों की किश्तें बाकी 30,000 रुपये लाइफस्टाइल पर वीकेंड ट्रिप, रेस्टोरेंट्स और अपग्रेड्स में निकल जाता है। सेविंग? लगभग कुछ नहीं है।


जब पॉपटानी ने उससे पूछा कि क्या उसने कोई निवेश या इमरजेंसी फंड बनाया है, तो जवाब मिला कि अभी जिंदगी एन्जॉय करनी है, बहुत मेहनत से यहां तक पहुंचा हूं। घर ले लूंगा, फिर सेविंग शुरू करूंगा। इस पर पॉपटानी ने सीधा सवाल किया कि अगर कल नौकरी चली गई तो? तो वह चुप हो गया। पॉपटानी ने कहा कि भारत में न बेरोजगारी भत्ता है, न फ्री हेल्थकेयर, न EMI माफ होती है। कोई नहीं आएगा बचाने।

उनकी ये पोस्ट अब हजारों लोगों तक पहुंच चुकी है। बहुत से युवाओं ने इससे खुद को जोड़ा क्योंकि आज के शहरी प्रोफेशनल्स दिखावे की दौड़ में फंस गए हैं। क्रेडिट कार्ड और लोन के दम पर लग्जरी लाइफ जीते हैं। लेकिन पॉपटानी ने चेतावनी दी कि यही लाइफस्टाइल सब एक मेडिकल इमरजेंसी या नौकरी जाने पर टेंशन में बदल जाता है।

उन्होंने लिखा कि असली अमीरी ज्यादा कमाने में नहीं, बल्कि अपने खर्चों और फैसलों पर कंट्रोल रखने में है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि SIP शुरू करें, इमरजेंसी फंड बनाएं और जरूरत से ज्यादा खर्च से बचें।

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