Nikhil Kamath: निखिल कामत ने बताया कैसे मिलेगी अच्छी नौकरी, कहा-4 साल की डिग्री के दिन खत्म

जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने इस बारे में एक पोस्ट किया है। इसके बाद इस मसले पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। कामत ने यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया है। इसमें उन्होंने जॉब मार्केट की बदलती तस्वीर के बारे में बताया है

अपडेटेड Jul 01, 2025 पर 11:44 AM
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निखिल कामत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की 'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025' पर अपनी प्रतिक्रिया जताई है।

रोजगार की दुनिया तेजी से बदल रही है। 10-15 साल पहले जो डिग्री नौकरी लगने की गारंटी मानी जाती थी, वो आज चमक खो चुकी हैं। जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने इस बारे में एक पोस्ट किया है। इसके बाद इस मसले पर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। कामत ने यह पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया है। इसमें उन्होंने जॉब मार्केट की बदलती तस्वीर के बारे में बताया है। दरअसल, उन्होंने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की 'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025' पर अपनी प्रतिक्रिया जताई है।

कॉलेज की 4 साल की डिग्री के दिन खत्म

Nikhil Kamath ने पोस्ट में सबसे बड़ी बात यह कही है कि कॉलेज की 4 साल की डिग्री दिन खत्म हो चुके हैं। दरअसल, World Economic Forum की रिपोर्ट में भी जॉब मार्केट की बदलती तस्वीर के बारे में बताया गया है। इसमें कहा गया है कि इस दशक के अंत तक कई सेक्टर्स में बड़े बदलाव आने वाले हैं। स्किल की डिमांड और सप्लाई के बीच बढ़ते अंतर के बारे में बताया गया है। साथ ही ऑटोमेशन के बढ़ते ट्रेंड का जिक्र किया गया है। ऑटोमेशन का मतलब है कि इनसान जो काम करता है, वह काम इनसान की जगह मशीन करती है।


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तेजी से बदल रही है जॉब मार्केट की तस्वीर

कामत ने कहा है कि अब जीवन भर सीखते रहना होगा। इसका मतलब है कि अगर आपने अभी इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और आप यह सोच रहे हैं कि इस डिग्री की बदौलत जॉब मार्केट में हमेशा आपकी वैल्यू बनी रहेगी तो ऐसा नहीं है। आपको मार्केट की डिमांड के हिसाब से अपनी स्किल को अपडेट करते रहना होगा। 10-12 साल पहले तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा शायद ही होती थी। आज ज्यादातर चर्चा में AI शामिल होता है। यहां तक की आईटी कंपनियां AI का इस्तेमाल कर रही हैं। कई ऐसे काम एआई कर रहा है, जो पहले इनसान करते थे। इसका असर आईटी कंपनियों में नई हायरिंग पर पड़ा है।

जीवनभर सीखते रहना होगा

WEF की रिपोर्ट में भी लगातार नई स्किल सीखने पर जोर दिया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 75 फीसदी एंप्लॉयर्स ने अपने मौजूदा एंप्लॉयीज की स्किल बढ़ाने की अपनी क्षमता पर भरोसा जताया। 38 फीसदी एंप्लॉयर्स ने नए एंप्लॉयीज की क्षमता को लेकर चिंता जताई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में काम करने वाले हर 100 लोगों में से 41 फीसदी को अपनी स्किल बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 29 फीसदी को अपनी मौजूदा नौकरी में बने रहने के लिए ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी। 19 फीसदी लोगों को नई स्किल सीखकर नए रोल में आना होगा। 11 फीसदी लोग ट्रेनिंग से पूरी तरह से बाहर हो जाएंगे।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jul 01, 2025 11:21 AM

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