₹10000 की SIP के ₹2.6 करोड़ आपको नहीं पाएंगे अमीर, सिर्फ ₹32 लाख रह जाएगी वैल्यू; जानिए पूरा सच
₹10,000 की SIP से 30 साल में कागज पर ₹2.6 करोड़ बन सकते हैं, लेकिन महंगाई के असर से इसकी असली वैल्यू सिर्फ ₹32 लाख रह जाएगी। जानिए SIP के इस डार्क साइड के पीछे की पूरी सच्चाई और इससे बचने का तरीका।
महंगाई सिर्फ आपके कॉर्पस की वैल्यू नहीं घटाती, बल्कि आपके खर्च बढ़ा देती है।
भारत में करोड़ों लोग आज अपनी फाइनेंशियल आजादी के सफर पर निकल चुके हैं। इस सफर की सबसे पॉपुलर सवारी है Systematic Investment Plan (SIP)। हर महीने एक तय रकम निवेश करें, लंबा इंतजार करें, और बाकी का काम कंपाउंडिंग का जादू कर देगा। यही सीधा-सा फॉर्मूला सब मान चुके हैं।
लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि 30 साल तक ₹10,000 महीने की SIP करने के बाद भी आप उतने 'अमीर' नहीं होंगे, जितना सोचते हैं... तो? यही वो SIP का 'डार्क साइड' है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग बात नहीं करते।
₹10,000 की SIP से कितना बनेगा कॉर्पस?
अब मान लीजिए आप ₹10,000 हर महीने 30 साल तक निवेश करते हैं और 12% का औसत सालाना रिटर्न मिलता है। तो कागज पर आपकी रकम बढ़कर करीब ₹2.6 करोड़ हो जाएगी। यह सुनने में बहुत बड़ी लगती है, लेकिन असली कहानी यहीं से शुरू होती है।
महंगाई (Inflation) से कैसे घट जाती है दौलत?
अगर इन 30 सालों में महंगाई औसतन 4% रही, तो ₹2.6 करोड़ की आज की कीमत लगभग ₹80 लाख के बराबर होगी। अगर 6% रही, तो असली वैल्यू घटकर सिर्फ ₹45 लाख रह जाएगी। और अगर कहीं महंगाई 7% तक पहुंच गई, तो आपके करोड़ों का कॉर्पस आज के हिसाब से सिर्फ ₹32 लाख की खरीद क्षमता रखेगा।
यानी, जो रकम आज आपको 'अमीरी' जैसी लगती है, वो भविष्य में 'ठीक-ठाक' भी नहीं रह पाएगी। इसी को SIP की डार्क साइड माना जाता है।
क्यों घटती है असली वैल्यू?
दरअसल, महंगाई सिर्फ आपके कॉर्पस की वैल्यू नहीं घटाती, बल्कि आपके खर्च बढ़ा देती है। आज अगर आपका परिवार ₹40,000 महीने में आराम से चल रहा है, तो 30 साल बाद यही खर्च ₹2 लाख से ₹3 लाख महीना हो सकता है। ऐसे में ₹2.6 करोड़ का कॉर्पस शायद सिर्फ 10-12 साल में खत्म हो जाए।
Step-Up SIP से बन सकता है फर्क
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का मानना है कि महंगाई के इस कुचक्र से स्टेप-अप SIP निजात दिला सकती है। मतलब कि अपने SIP की रकम को समय-समय पर बढ़ाना। अगर आप हर साल अपनी SIP में 10% की बढ़ोतरी करते हैं, तो आपके फंड में बड़ा इजाफा हो सकता है। जैसे कि पहले साल ₹10,000, अगले साल ₹11,000, फिर ₹12,100 और ऐसे ही 30 साल तक।
इस स्थिति में आपका कुल निवेश करीब ₹1.98 करोड़ हो जाएगा, दो स्टेप-अप SIP से पहले ₹36 लाख हो रहा था। वहीं, कंपाउंडिंग के असर से आपका कॉर्पस करीब ₹6.5 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह पहले ₹2.6 करोड़ ही रहा था। यानी आपका फंड करीब ढाई गुना बढ़ जाएगा।
अब अगर 6% महंगाई मान लें, तो इस रकम की असली वैल्यू लगभग ₹1.1 करोड़ बचेगी। आज के समय में 1.1 करोड़ ठीक-ठीक रकम मानी जाती है।
तो क्या SIP बेकार है?
नहीं, लेकिन अपग्रेड जरूरी है SIP अब भी भारत में सबसे समझदार निवेश तरीका है। इससे अनुशासन आता है, और हर महीने की बचत निवेश में बदलती है। लेकिन इसे 'सेट एंड फॉरगेट' यानी 'लगा दिया और भूल गए' टूल समझना बड़ी गलती होगी। SIP को हर साल बढ़ाना जरूरी है। जैसे आपकी इनकम बढ़ती है, वैसे ही निवेश भी बढ़े।
महंगाई को हराने के 4 स्मार्ट कदम
हर साल SIP बढ़ाएं। अपनी मंथली SIP में कम से कम 5-10% की बढ़ोतरी करें।
सिर्फ इक्विटी नहीं, गोल्ड, रियल एस्टेट और इंटरनेशनल फंड्स में भी हिस्सा रखें।
12% रिटर्न की दुनिया में अगर महंगाई 7% है, तो असली रिटर्न सिर्फ 5% ही है।
पोर्टफोलियो का बैलेंस बनाए रखें ताकि किसी एक एसेट क्लास पर ज्यादा निर्भरता न हो।
दौलत दिखने से नहीं, टिकने से बनती है
₹10,000 की SIP शुरू करना आसान है, लेकिन उसे समझदारी से बढ़ाना ही असली अमीरी की चाबी है। क्योंकि ₹2.6 करोड़ का सपना बेकार है, अगर वो भविष्य में सिर्फ ₹45 लाख के सामान खरीद पाए।
SIP से पैसा बनता है, पर असली दौलत तब बनती है जब वो महंगाई से आगे निकल सके। इसीलिए एक्सपर्ट SIP को हर साल थोड़ा-थोड़ा करके बढ़ाने की सलाह देते हैं। ताकि आपकी मेहनत की कमाई भविष्य में भी उतनी ही ताकत रखे जितनी आज रखती है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।