Diwali Gifts: दिवाली के समय में कई सरकारी विभाग और PSU दिवाली गिफ्ट बांटते हैं। देश में अभी तक सरकारी स्तर पर दिवाली गिफ्ट बांटने का चलन रहा है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। सरकार ने साफ कहा है कि सरकारी फंड का इस्तेमाल कर दिवाली गिफ्ट नहीं इस बार नहीं बांटे जाएंगे। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मंत्रालयों, विभागों और पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों (CPSEs) को त्योहारों पर गिफ्ट देने और इस पर खर्च करने से रोक दिया है। सरकारी दफ्तरों में पैसे का अनुशासन बनाए रखने और गैर-जरूरी खर्चों को कम करने के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री ने यह आदेश जारी किया है।
सरकारी खर्च पर नहीं दे सकते दिवाली गिरफ्ट
फाइनेंस मिनिस्ट्री के Expenses विभाग ने इस बारे में ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है। इसमें साफ कहा गया है कि कोई भी मिनिस्ट्री, विभाग या सरकारी इकाई त्योहारों पर गिफ्ट या उससे जुड़े सामान पर पैसा खर्च नहीं करेगी। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। सरकार ने कहा कि पहले भी ऐसे निर्देश दिए गए थे और यह कदम उसी कड़ी का हिस्सा है, ताकि सार्वजनिक धन का इस्तेमाल सोच-समझकर और जरूरी कामों में ही हो।
इस आदेश को व्यय सचिव की मंजूरी मिली है और इसे संयुक्त सचिव पीके सिंह ने साइन कर जारी किया। यह सर्कुलर सभी मंत्रालयों और विभागों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों को भेजा गया है। साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन करें और करवाएं।
पब्लिक का पैसा ना जाए बेकार
सरकार का कहना है कि इन कदमों का उद्देश्य फिजूलखर्ची रोकना और पब्लिक के पैसे का सही जगह इस्तेमाल करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर इस बात पर जोर दे चुके हैं कि सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए।
इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई है। शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने इस कदम का स्वागत किया और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि फाइनेंस मिनिस्ट्री के इस निर्देश का स्वागत करता हूं कि केंद्र सरकार के विभाग और पीएसयू त्योहारों पर गिफ्ट्स पर फिजूलखर्ची न करें। लंबे समय से राजनेता और अफसर ही इस खर्च के सबसे बड़े लाभार्थी रहे हैं। राज्य सरकारों को भी इस पहल का पालन करना चाहिए।