National Pension System: फंड मैनेजर्स के लिए 15 जुलाई से नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के तहत आने वाली स्कीमों को रेटिंग्स देना अनिवार्य हो जाएगा। ये रेटिंग्स उन स्कीम से जुड़े जोखिम को दर्शाएंगे। ये जोखिम 6 तरीके के होंगे- कम जोखिम (Low Risk), कम से मध्यम जोखिम (Low to Moderate Risk), मध्यम जोखिम (Moderate Risk), मध्यम उच्च जोखिम (Moderately High Risk), उच्च जोखिम (High Risk) और बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk)।
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की तरफ से जारी एक सर्कुलर के मुताबिक, "नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की स्कीमें अब लंबी अवधि के निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण एसेट बनती जा रही है और अगर इसे सही तरीके से निवेश किया जाए तो इससे पेंशन के लिए एक मनचाहा फंड बनाने में मदद मिलती है। "
सर्कुलर में आगे लिखा है, "पेंशन फंड की योजनाओं के तहत विभिन्न एसेट क्लास में निवेश के साथ ग्राहकों के लिए विभिन्न स्तर के जोखिम भी शामिल है। ऐसे में यह जरूरी है कि ग्राहकों को निवेश से पहले NPS में शामिल सभी योजनाओं से जुड़े जोखिमों के बारे में विस्तार से उपलब्ध कराया जाए, ताकि उनमें जागरूकता बढ़े।"
इसमें कहा गया है कि पेंशन फंड्स से जुड़े सभी वेबसाइटों पर एक 'पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर' नाम का सेगमेंट होना चाहिए, जिस पर महीने के अंत में प्रत्येक तिमाही की समाप्ति से 15 दिनों के भीतर जोखिम यानी रिस्क प्रोफाइल का पर्याप्त खुलासा किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी बताना होगा कि साल भर में रिस्क के स्तर में कितनी बार बदलाव आया है।
सर्कुलर के मुताबिक, "रिस्क प्रोफाइल का मूल्याकंन प्रत्येक तिमाही के आधार पर किया जाएगा और रिस्क प्रोफाइल में किसी भी बदलाव को पेंशन फंड की वेबसाइट पर अपडेट करना होगा। साथ ही NPS ट्रस्ट की वेबसाइट पर इसे अपडेट करने के लिए संबंधित पेंशन फंड को एनपीएस ट्रस्ट को सूचित करना होगा।"
NPS के तहत क्या योजनाएं हैं?
नेशनल पेंशन स्कीम के तहत, चार एसेट क्लास हैं - इक्विटी (ई), कॉर्पोरेट डेट (सी), सरकारी बांड (जी) और वैकल्पिक निवेश (स्कीम ए)। प्रत्येक एसेट क्लास के अंतर्गत योजनाओं के दो स्तर हैं। NPS में, कई पेंशन फंड मैनेजर और निवेश विकल्प हैं। ग्राहक पहले फंड मैनेजर का चयन करता है, और फिर उसके पास निवेश विकल्पों में से किसी एक को चुनने का विकल्प होता है।