इस फाइनेंशियल ईयर (2022-23) के लिए टैक्स-सेविंग्स करने की आखिरी तारीख नजदीक आ गई है। अगर आपने अब तक टैक्स-सेविंग्स नहीं की है तो अब देर नहीं करें। इनकम टैक्स एक्ट के कई सेक्शन में टैक्स सेविंग्स का प्रावधान है। आप इनका फायदा उठा सकते हैं। टैक्सपेयर्स सबसे ज्यादा सेक्शन 80सी का इस्तेमाल करते हैं। इसके तहत एक फाइनेंशियल ईयर में करीब एक दर्जन इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में निवेश कर 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शंस का दावा किया जा सकता है। इसमें से एक NPS है। इसमें रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ आपको टैक्स-बेनेफिट का मौका मिलता है।
NPS में दो तरह के अकाउंट होते हैं-टियर 1 और टियर 2। टियर 1 अकाउंट पेंशन अकाउंट होता है। टियर 2 को इनवेस्टमेंट अकाउंट कहा जाता है। यह सरकारी बॉन्ड्स, इक्विटी और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करता है। यह वॉलेटरी सेविंग अकाउंट है, जो पेंशन रेगुलेरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (PRAN) से जुडा होता है।
NPS में सब्सक्राइबर फाइनेंशियल ईयर में किसी तारीख को भी कंट्रिब्यूट कर सकते हैं। हर साल आप चाहे तो कंट्रिब्यूशन के अमाउंट में भी बदलाव कर सकते हैं। यह इनवेस्टमेंट ऑप्शन आपको पोर्टेबिलिटी की सुविधा देता है। सब्सक्राइबर देश में कही से भी अपने अकाउंट को ऑपरेट कर सकता है। अगर आप शहर बदलते हैं या कंपनी बदलते हैं तो भी आपके इनवेस्टमेंट के तरीके पर असर नहीं पड़ता है।
एनपीएस का रेगुलेटर PFRDA है। NPS में आप अपनी ग्रॉस इनकम के 10 फीसदी तक के कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये की लिमिट है। यह लिमिट सेक्शन 80 के तहत तय लिमिट की वजह से है। इसके अतिरिक्त आप एनपीएस के टियर 1 अकाउंट में सालाना 50,000 रुपये इनवेस्ट कर अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकते हैं। यह बेनेफिट सेक्शन 80CCD(1B) के तहत मिलता है।
18 से 65 साल का कोई व्यक्ति एनपीएस अकाउंट ओपन कर सकता है। आपको या तो प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) जाकर NPS अकाउंट के लिए अप्लाई करना होगा या आप NPS की वेबसाइट से इसे ऑनलाइन भी ओपन कर सकते हैं। इस स्कीम के बारे में आपको वेबसाइट पर डिटेल में जानकारी मिल जाएगी। वेबसाइट पर रिटर्न कैलकुलेटर भी है। इसकी मदद से आप पता कर सकते हैं कि कितना अमाउंट कितने साल जमा करने पर आपके रिटायरमेंट फंड की जरूरत पूरी हो जाएगी।