नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) का अट्रैक्शन बढ़ गया है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने 16 दिसंबर को एनपीएस में बड़े संशोधन के ऐलान किए। ये ऐलान एनपीएस के उन सब्सक्राइबर्स के लिए हैं, जो सरकारी एंप्लॉयीज नहीं हैं। आइए नियमों में इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अब 80 फीसदी पैसे निकालने की इजाजत
कॉमन स्कीम (CS) और मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) के तहत पैसे निकालने के नियम बदल गए हैं। अब तक सब्सक्राइबर 60 साल का होने या रिटायरमेंट पर NPS में जमा अपने फंड का 60 फीसदी एकमुश्त निकाल सकता था। बाकी 40 फीसदी का इस्तेमाल उसे एन्युटी खरीदने के लिए करना पड़ता था। अब यह नियम बदल गया है। अगर सब्सक्राइबर का कार्पस 12 लाख से ज्यादा है तो वह 80 फीसदी पैसा निकाल सकता है। बाकी 20 फीसदी का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए करना होगा।
सब्सक्राइबर्स का अपने पैसे पर कंट्रोल बढ़ेगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नियम में इस बदलाव से सब्सक्राइबर का अपने पैसे पर ज्यादा कंट्रोल होगा। एग्जिट के समय वह ज्यादा पैसे निकाल सकेगा। रिटायरमेंट का पैसा वह अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकेगा। अगर सब्सक्राइबर का कुल कॉर्पस 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो वह एक्जिट के समय पूरा पैसा निकाल सकेगा। अगर सब्सक्राइबर का कॉर्पस 8 लाख से 12 रुपये के बीच है तो एकमुश्त 6 लाख रुपये तक निकाल सकेगा। बाकी पैसे का इस्तेमाल उसे एन्युटी खरीदने के लिए करना होगा, जिसकी अवधि कम से कम 6 साल होगी।
सब्सक्राइबर 85 साल की उम्र तक निवेश बनाए रख सकता है
पीएफआरडीए ने एनपीएस में बने रहने की उम्र सीमा भी बढ़ा दी है। अब सब्सक्राइबर 85 साल की उम्र तक एनपीएस में निवेश बनाए रख सकता है। नॉर्मल एग्जिट के लिए सब्सक्रिप्शन का 15 साल पूरे होना या 60 साल की उम्र या रिटायरमेंट जरूरी है। इनमें से जो पहले होगा, वह लागू होगा। नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स के लिए 5 साल के अनिवार्य लॉक-इन को भी हटा दिया गया है।
कॉर्पस में 8 लाख से कम होने पर फुल विड्रॉल की इजाजत
सरकारी एंप्लॉयीज के लिए किसी तरह के एग्जिट के लिए पांच साल का लॉक-इन पीरियड अनिवार्य होगा। सब्सक्राइबर की उम्र 60 साल होने या रिटायरमेंट तक अगर उसके कॉर्पस में 8 लाख से कम पैसे हैं तो वह पूरे पैसे निकाल सकेगा। पहले यह लिमिट 5 लाख रुपये थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए नियमों से एनपीएस के सब्सक्राइबर्स को ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी हो गई है।
एनपीएस नियमों में हुए बड़े बदलाव:
-सब्सक्राइबर एनपीएस में 85 साल की उम्र तक निवेश बनाए रख सकता है
-सब्सक्रिप्शन के 15 साल बाद या 60 साल की उम्र या रिटायरमेंट पर एग्जिट की इजाजत। इनमें से जो पहले हो वह लागू
-अगर स्कीम में 12 लाख से ज्यादा जमा है तो 80 फीसदी पैसा एकमुश्त निकालने की इजाजत
-अगर स्कीम में 8 लाख से कम जमा है तो पूरा पैसा एकमुश्त निकालने की इजाजत
-अगर स्कीम में 8-12 लाख तक जमा है तो 6 लाख एकमुश्त निकालने की इजाजत