NPS to UPS Migration: नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के सब्सक्राइबर्स अब मंगलवार (1 अप्रैल) से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शिफ्ट हो सकते हैं। इस नई योजना का मकसद गारंटीड पेंशन, सरकारी योगदान और बेहतर निवेश विकल्प देना है, ताकि रिटायरमेंट के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को अधिक सामाजिक सुरक्षा मिले।
सरकारी कर्मचारी लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल करने की मांग कर रहे थे, जिसमें उन्हें गारंटीड पेंशन का लाभ मिलता था। ऐसे में केंद्र सरकार ने कुछ बदलाव के साथ यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की है, जो कमोबेश पुरानी पेंशन स्कीम जैसी ही है। इसमें सेवा के साल के आधार पर गारंटीड पेंशन मिलेगी।
UPS में कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ते (DA) का 10% योगदान करना होगा। सरकार भी इतना ही योगदान देगी। यानी कुल 20% वेतन निवेश होगा। यह फंड सरकार की तय डिफॉल्ट योजनाओं में जाएगा, लेकिन कर्मचारी चाहें तो निजी पेंशन फंड मैनेजर (PFM) को भी चुन सकते हैं।
कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बादउनकी जमा पूंजी से हर महीने पेंशन मिलेगी, जैसे म्युचुअल फंड के सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) में होता है। अगर जमा फंड खत्म हो जाता है, तो सरकार की ओर से कॉमन पूल से भुगतान जारी रहेगा।
NPS से UPS में कैसे शिफ्ट करें?
डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) के मुताबिक, NPS से UPS में माइग्रेट करना काफी आसान है। आइए जानते हैं कि इसका स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस।
अगर कोई ऑफलाइन प्रोसेस अपनाना चाहता है, तो वह फिजिकल फॉर्म भरकर भी आवेदन जमा कर सकता है। UPS फिलहाल सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। राज्य सरकारें इसे अपनाने पर अपनी सहूलियत के हिसाब से बाद में फैसला लेंगी।