Personal Finance: क्या सच में 15×15×15 SIP रूल से 1 करोड़ का फंड तैयार हो जाएगा?

15×15×15 सिप रूल देखने में काफी आसान लगता है। हर महीने 15,000 रुपये निवेश 15 साल का तक करना है। इसमें निवेश पर सालाना 15 फीसदी रिटर्न का अंदाजा लगाया जता है। लेकिन, लंबी अवधि में सालाना 15 फीसदी रिटर्न व्यावहारिक नहीं लगता

अपडेटेड Dec 17, 2025 पर 4:42 PM
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हाई रिटर्न पाने की कोशिश का कई बार आपके निवेश पर खराब असर पड़ता है।

सिप से बड़ा फंड तैयार करने की जब बात होती है तो 15×15×15 सिप रूल की चर्चा जरूर होती है। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह इनवेस्टमेंट का सबसे आसान नियम है। देखने में यह आसान लगता है। हर महीने 15,000 रुपये निवेश 15 साल का तक करना है। सालाना 15 फीसदी रिटर्न मान लिया जाए तो 15 साल बाद आपके लिए 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो जाता है। लेकिन, यह रूल सिर्फ देखने में आसान लगता है।

लंबी अवधि में सालाना 15 फीसदी रिटर्न व्यवाहारिक नहीं

इस रूल का इस्तेमाल करने वाले कई इनवेस्टर्स को निराशा का सामना करना पड़ता है। इस रूल के लिए सबसे बड़ा रिस्क मार्केट में होने वाला उतार-चढ़ाव है। इस वजह से रिटर्न एक जैसा नहीं रहता। दूसरा रिस्क इनफ्लेशन है। 15 सालों तक 15 फीसदी रिटर्न को व्यावहारिक नहीं कहा जा सकता। 2005 से 15 साल के लिए निफ्टी 500 के रिटर्न को देखने पर तस्वीर पूरी तरह बदल जाती है। 15 फीसदी सीएजीआर से ज्यादा रिटर्न का पीरियड सिर्फ 10.6 फीसदी रहा है। 40 फीसदी पीरियड में रिटर्न 12 फीसदी से कम रहा है।


इक्विटी फंड से 12-13 फीसदी से ज्यादा सालाना रिटर्न नहीं

डायवर्सिफायड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स तक का रिटर्न औसतन सालाना 11-13 फीसदी रहा है। अगर 15 साल में 12 फीसदी रिटर्न को मान लिया जाए तो मंथली 15,000 रुपये निवेश से आपके लिए करीब 75 लाख रुपये का फंड तैयार हो सकता है। इसका मतलब है कि 1 करोड़ रुपये के टारगेट से आपका फंड 25 लाख रुपये कम होगा।

स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स का रिटर्न भी सालाना 15 फीसदी नहीं

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर लार्जकैप या डायवर्सिफायड फंड्स से 15 फीसदी रिटर्न नहीं मिल सकता तो स्मॉलकैप या मिडकैप फंड्स में निवेश किया जा सकता है। यह विकल्प भी सिर्फ सुनने में अच्छा लगता है। 20 सालों के दौरान सिर्फ 25 फीसदी पीरियड में स्मॉल-कैप इंडेक्स का रिटर्न 15 फीसदी से ज्यादा रहा है। 50 फीसदी पीरियड में रिटर्न 12 फीसदी से कम रहा है। मिडकैप फंडस का रिटर्न इससे थोड़ा ज्यादा है, लेकिन इनसे भी लगातार ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती।

ज्यादा रिटर्न पाने की कोशिश का निवेश पर निगेटिव असर

सच यह है कि हाई रिटर्न पाने की कोशिश का कई बार आपके निवेश पर खराब असर पड़ता है। कम रिटर्न की वजह से कई बार घबराहट में अपनी यूनिट्स बेच देते हैं। कई बार इनवेस्टर्स फंड्स के बीच स्विच करते रहते हैं। कुछ इनवेस्टर्स कम रिटर्न देखकर अपने सिप को ही बंद कर देते हैं। इसका सीधा असर आपके लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन पर पड़ता है।

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क्षमता के हिसाब से निवेश करें और हर साल अमाउंट बढ़ाते रहें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि 15×15×15 सिप रूल की जगह आप अपनी क्षमता के हिसाब से हर महीने सिप के जरिए इक्विटी फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं। फिर हर साल सिप के अमाउंट को बढ़ा सकते हैं। इससे लंबी अवधि में आपके लिए बड़ा फंड तैयार हो जाएगा। निवेश से आपको सालाना 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

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