कई बार हमारे सामने ऐसी स्थिति आ जाती है, जिसमें हमें पर्सनल लोन लेने को मजबूर होना पड़ता है। व्हाट्सएप बैंकिंग, नेट बैंकिंग और बैंकों के ऐप के आने से पर्सनल लोन लेना काफी आसान हो गया है। बैंक और एनबीएफसी 10 से लेकर 18 फीसदी सालाना इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन ऑफर करते हैं। इंटरेस्ट रेट व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पर्सनल लोन लेने में कोई खराबी नहीं है। लेकिन, कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है नहीं तो इससे आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं।
1. बहुत जरूरी होने पर ही लें पर्सनल लोन
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पर्नसल लोन का इंटरेस्ट रेट काफी ज्यादा होता है। इसलिए बहुत जरूरी होने पर ही पर्सनल लोन लेना चाहिए। पर्सनल लेने के अगले महीने से उसकी EMI शुरू हो जाती है। ईएमई से आपकी वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ सकता है। आपके दूसरे जरूरी खर्चों पर भी असर पड़ सकता है।
आपने पर्सनल लोन लिया है तो उसका ईएमआई का पेमेंट आपको समय पर करना होगा। इस पर डिफॉल्ट करने का असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर आपको भविष्य में लोन लेने में दिक्कत आएगी। डिफाल्ट से बचने के लिए आप ऑटो डेबिट फैसिलिटी का चुनाव कर सकते हैं। इससे तय तारीख को लोन की EMI अपने आप आपके बैंक अकाउंट से डेबिट हो जाएगी।
3. एक साथ ज्यादा पर्सनल लोन लेने से बचें
एक से ज्यादा पर्सनल लोन आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है। अगर आपका पहले से कोई पर्सनल लोन चल रहा है तो आपको नया पर्सनल लोन लेने से बचना चाहिए। आजकल बैंक, एनबीएफसी और क्रेडिट कार्ड कंपनियों की तरफ से रोजाना पर्सनल लोन के ऑफर आते रहते हैं। उनमें लोन के फास्ट डिस्बर्सल का वादा किया जाता है। लेकिन, आपको याद रखना होगा कि बैंक या एनबीएफसी इसलिए आपको लोन ऑफर कर रही, क्योंकि उस पर उसे इंटरेस्ट के रूप में कमाई होगी।
4. नियम एवं शर्तों को जरूर समझ लें
पर्सनल लोन लेने में जल्दबाजी न दिखाए। यह जल्दबाजी बाद में महंगी साबित हो सकती है। पर्सनल लोन लेने से पहले उसके नियम एवं शर्तों को समझ लें। बैंक के रिप्रजेंटेविट से उसके प्रोसेसिंग और प्रीपेमेंट चार्जेज के बारे में भी पूछ लें। कई बैंक पर्सनल लोन पर प्रोसेसिंग चार्ज लेते हैं। इससे आपके पर्सनल लोन की कुल कॉस्ट बढ़ जाती है। कई लोग इस चार्ज पर ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन यह पैसा आपकी जेब से जाता है।
5. जितना चुका सकते हैं, उतना लोन लें
कई लोग लोन चुकाने की अपनी क्षमता से ज्यादा अमाउंट के पर्सनल लोन ले लेते हैं। फिर, उन्हें लोन चुकाने में दिक्कत आती है। इससे डिफॉल्ट का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पर्सनल लोन लेने से पहले यह देख लेना जरूरी है कि आप EMI के रूप में कितना अमाउंट आराम से चुका सकते हैं। अगर ज्यादा अमाउंट का लोन जरूरी है तो फिर उसकी अवधि एक से बढ़ाकर दो साल या ढ़ाई साल कर दें। इससे लोन पेमेंट पर डिफॉल्ट का खतरा नहीं रहेगा। हालांकि, इंटरेस्ट के रूप में आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।