पर्सनल लोन आजकल काफी पॉपुलर हो गए हैं. इसके पीछे इनके आसान एप्लीकेशन प्रोसेस और फ्लेक्सिबिलिटी का अहम योगदान है. दरअसल, इन्हें लेने के लिए कोई गारंटी या सिक्योरिटी नहीं देनी होती, इसलिए ये लोन लेने वालों के लिए एक आकर्षक ऑप्शन बन जाते हैं. हालांकि, आपको मिलने वाला लोन अमाउंट आपकी इनकम, क्रेडिट स्कोर और मौजूदा फाइनेंशियल लायबिलिटीज जैसे कई फैक्टर पर निर्भर करता है. अगर आपकी मंथली सैलरी 60,000 रुपए है, तो आपके मन में भी यह सवाल जरूर आया होगा कि आपको कितना पर्सनल लोन मिल सकता है.
लोन अप्रूव करने से पहले लेंडर्स आमतौर पर एक स्टेबल इनकम और अच्छा क्रेडिट स्कोर देखना पसंद करते हैं. तो आइए जानते हैं कि 60,000 रुपए की सैलरी पर पर्सनल लोन लेने से पहले किन बातों को जानना जरूरी है.
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पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते समय किन बातों का रखें ध्यान
पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले यह समझना जरूरी है कि बैंक और NBFCs आपकी एलिजिबिलिटी कैसे तय करते हैं. नीचे दिए गए फैक्टर लोन अप्रूवल के लिए अहम होते हैं:
- क्रेडिट स्कोर: लेंडर आपके क्रेडिट स्कोर को काफी महत्व देते हैं. अगर आपका स्कोर ज्यादा है, तो आपको एक बेहतर लोन डील मिल सकती है, जिसमें ब्याज दर कम और लोन अमाउंट ज्यादा हो सकता है. 750 या इससे ऊपर का स्कोर आमतौर पर बेहतर माना जाता है.
- स्टेबल इनकम: मंथली इनकम आपकी लोन एलिजिबिलिटी में एक अहम भूमिका निभाती है. 60,000 रुपए की सैलरी में आपकी डिस्पोजेबल इनकम (खर्चों के बाद बचा पैसा) देखी जाती है, ताकि लेंडर यह तय कर सके कि आप कितनी EMI भर सकते हैं.
- रोजगार की स्थिति: अगर आप लंबे समय से एक ही कंपनी में काम कर रहे हैं या किसी जानी-मानी फर्म से जुड़े हैं, तो लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
- मौजूदा लायबिलिटीज: अगर आपके ऊपर पहले से कोई लोन या EMI है, तो लेंडर आपके डेब्ट-टू-इनकम रेशियो को देखते हैं. अगर यह रेशियो ज्यादा हुआ, तो आपको कम लोन अमाउंट मिल सकता है.
लोन अमाउंट कैसे तय होता है
लेंडर अलग-अलग मेथड से लोन अमाउंट का हिसाब लगाते हैं:
1) इनकम बेस्ड कैलकुलेशन: कुछ लेंडर आपकी मंथली इनकम के हिसाब से लोन देते हैं. उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी सैलरी 60,000 रुपए है, तो बैंक 12 से 24 गुना तक का लोन दे सकते हैं. यानी, आपको 7.2 लाख से लेकर 14.4 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है.
2) EMI/NMI रेशियो: इस मेथड में आपकी मौजूदा EMI और नेट मंथली इनकम (NMI) की तुलना की जाती है. आम तौर पर यह देखा जाता है कि आपकी कुल EMI आपकी सैलरी के 50 या 60% से ज्यादा न हो. अगर आपकी मौजूदा EMI 20,000 रुपए है, तो लेंडर यह देखता है कि आप नई EMI को जोड़कर भी 50% लिमिट के अंदर रह पाते हैं या नहीं.
60,000 रुपए की सैलरी पर कितना लोन मिल सकता है?
60,000 रुपए की सैलरी पर मिलने वाला लोन अमाउंट लेंडर की पॉलिसी और आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल पर निर्भर करता है. क्रेडिट स्कोर, मौजूदा लायबिलिटीज और लोन टेन्योर जैसे फैक्टर इस अमाउंट को तय करते हैं.
मनीकंट्रोल ऐप या वेबसाइट के जरिए आप 100% डिजिटल पर्सनल लोन के लिए आसानी से अप्लाई कर सकते हैं. लोन अप्रूव होने के बाद अमाउंट सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. मनीकंट्रोल की 8 लेंडर्स के साथ पार्टनरशिप है, जो 50 लाख रुपए तक का लोन देते हैं. इन पर ब्याज दरें 10.5% सालाना से शुरू होती हैं और इसका पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है.
पर्सनल लोन के लिए एलिजिबिलिटी से जुड़ी शर्तें
पर्सनल लोन लेने के लिए आपको नीचे दी गई शर्तों को पूरा करना होता है:
- आपकी उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए और इसकी ऊपरी सीमा आमतौर पर 60 साल होती है.
- आप किसी प्राइवेट या सरकारी कंपनी में कार्यरत होने चाहिए. अगर आप सेल्फ-एम्प्लॉयड हैं, तो कम से कम दो साल की स्टेबल इनकम का प्रूफ देना पड़ सकता है.
- 60,000 रुपए की सैलरी के साथ, आप ज्यादातर लेंडर की इनकम एलिजिबिलिटी शर्तों पर खरे उतरेंगे.
- अच्छा क्रेडिट स्कोर (750 या इससे ऊपर) जरूरी है.
पर्सनल लोन के लिए जरूरी डॉक्युमेंट
लोन के लिए अप्लाई करते समय, आपको कुछ जरूरी डॉक्युमेंट देने होते हैं:
- ID प्रूफ: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर ID या पासपोर्ट
- एड्रेस प्रूफ: बिजली का बिल, रेंट एग्रीमेंट या कोई अन्य सरकारी डॉक्यूमेंट
- इनकम प्रूफ: पिछले 3 से 6 महीनों की सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट
- KYC डॉक्युमेंट: आधार कार्ड, पैन कार्ड, और पासपोर्ट
फैक्टर जो पर्सनल लोन अमाउंट पर असर डालते हैं
आपकी सैलरी जरूर एक अहम फैक्टर है, लेकिन इसके अलावा भी कई बातें होती हैं, जिनसे लोन अमाउंट तय होता है:
- क्रेडिट स्कोर: अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 या इससे ऊपर है, तो यह दिखाता है कि आप फाइनेंशियल रूप से एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं. जितना अच्छा स्कोर होगा, उतना ज्यादा लोन और बेहतर ब्याज दरें मिलने की संभावना होगी.
- पहले से लिए गए लोन: लेंडर आपके डेट-टू-इनकम रेशियो को देखते हैं. अगर पहले से कोई लोन चल रहा है, तो आपकी एलिजिबिलिटी कम हो सकती है.
- नौकरी की स्टेबिलिटी: लेंडर ऐसे लोगों को ज्यादा लोन देते हैं, जिनकी नौकरी स्टेबल हो और जो लंबे समय से एक ही कंपनी में काम कर रहे हों.
अगर आप 60,000 रुपए महीना कमाते हैं, तो आपको आसानी से पर्सनल लोन मिल सकता है. मनीकंट्रोल के जरिए, आप 100% डिजिटल प्रोसेस के साथ 8 भरोसेमंद लेंडर से लोन ले सकते हैं. यहां आप 50 लाख रुपए तक का लोन 10.5% सालाना की शुरुआती ब्याज दर पर ले सकते हैं और कोई हिडेन चार्ज भी नहीं है.
सारांश
क्या आपकी सैलरी 60,000 रुपए है और जानना चाहते हैं कि आपको कितना पर्सनल लोन मिल सकता है? यहां हम क्रेडिट स्कोर, इनकम स्टेबिलिटी और मौजूदा लायबिलिटीज सहित उन जरूरी फैक्टर के बारे में बता रहे हैं जो लोन लेने में अहम भूमिका निभाते हैं.Top बैंकों/ NBFCs से
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Disclaimer
यह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।सूची
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