8th Pay Commission: साल 2024 का पूर्ण बजट जुलाई के अंत में पेश किया जा सकता है। बजट से पहले साल 2024 के आने वाले बजट से एक महीने पहले ही सरकार को आठवें वेतन आयोग बनाने का प्रस्ताव मिल गया है। ये प्रस्ताव मोदी सरकार को भेज दिया गया है। ताकि, वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बेसिक वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा कर सके।
10 साल में होता है केंद्रीय वेतन आयोग का गठन
राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त सलाहकार मशीनरी) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें सरकार से 8वें वेतन आयोग के गठन को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया। हर दस साल में एक केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाता है। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मौजूदा सैलरी स्ट्रक्टचर, भत्ते और लाभों की जांच करता है, महंगाई जैसे कारकों के आधार पर आवश्यक बदलावों का सुझाव देता है।
क्या सरकार करेगी 8वें वेतन आयोग का गठन
सातवें वेतन आयोग की स्थापना पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी 2014 को की थी। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुईं। सामान्य दस साल के अंतराल के अनुसार 8वां केंद्रीय वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से शुरू होने का प्रस्ताव है। हालांकि, सरकार ने अभी तक इसकी औपचारिक स्थापना की घोषणा नहीं की है। लोकसभा चुनाव 2024 के खत्म होने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी बार वापसी के साथ 1 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी 8वें केंद्रीय वेतन आयोग पर अपडेट का इंतजार कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि जहां मुद्रास्फीति पहले 4% से 7% के आसपास थी, वहीं कोविड के बाद यह बढ़कर औसतन 5.5% हो गई है।
वेतन आयोग में है बदलाव की जरूरत
मिश्रा ने कहा कि कोविड के बाद की मुद्रास्फीति पूर्व-कोविड स्तरों से अधिक है। यदि हम 2016 से 2023 तक दैनिक जीवन के लिए आवश्यक आवश्यक वस्तुओं और वस्तुओं की रिटेल कीमतों की तुलना करें तो स्थानीय बाजार के अनुसार उनमें 80% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 1/7/2023 तक केवल लगभग 46% महंगाई भत्ता दिया गया। ये अभी 50 फीसदी पर है। मिश्रा ने एक दशक तक इंतजार करने के बजाय वेतन मैट्रिक्स की समय-समय पर समीक्षा की सिफारिश की है। अब महंगाई को देखते हुए वेतन आयोग में बदलाव की जरूरत है। मिश्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जहां सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए 1 जनवरी 2024 से 50% तक पहुंच गया। वहीं, 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए लोगों के लिए सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पेंशन बहाल करने का कोई निर्णय नहीं किया गया है।