केंद्र सरकार ने देश के पिछड़े कृषि जिलों के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana) 2025-26 में शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य 100 चुनिंदा आकांक्षी जिलों में किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादन को टिकाऊ, आधुनिक एवं उत्पादक बनाना है। यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का समेकन कर लागू की जा रही है। इसका वार्षिक बजट 24,000 करोड़ रुपये निर्धारित है और यह योजना 6 वर्षो तक चलेगी।
कृषि उत्पादकता को 20-30% तक बढ़ाने, फसल विविधता को बाजार के अनुरूप विकसित करने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, सस्ती लागत पर डिजिटल कृषि ऋण उपलब्ध कराने और जैविक खेती को बढ़ावा देना इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं। इसके तहत किसानों को दलहन जैसे फसलों के उन्नत बीजों की मिनी किट मुफ्त प्रदान की जाएगी और उत्पादकों के लिए हजारों प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की जाएंगी, जिन पर सरकार 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी देगी। इसी तरह, 2025-26 से 2030-31 तक कुल 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों में वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह योजना उन जिलों को लक्षित करती है जहां कृषि उत्पादन कम, सिंचाई की उचित सुविधाएं नहीं और वित्तीय सेवाओं की पहुंच सीमित है। इसमें से हर राज्य के कम से कम एक जिले को शामिल किया गया है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों में लघु, सीमांत, महिला किसान, एससी/एसटी किसान, पशुपालक तथा कृषक उत्पादक संगठन भी शामिल होंगे। योजना को डिजिटल माध्यम से भी लागू किया जाएगा ताकि जिले के कृषि कार्यों की दक्षता और निगरानी बेहतर तरीके से हो सके।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि योजना प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य स्तरीय और जिला स्तर पर विशेष समितियां बनाई जाएंगी। ये समितियां जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में काम करेंगी और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नीति बनाएंगी। योजना की निरंतर प्रगति का आकलन 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर किया जाएगा।
वर्तमान में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 9.7 करोड़ किसानों को सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से ऐसे किसान जो इस योजना से बाहर थे, उन्हें भी लाभ मिलेगा। इस योजना के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी, उत्पादन में सुधार और खाद्यान्न आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
यह योजना भारत सरकार की ग्रामीण समृद्धि व किसान कल्याण की दिशा में एक विशाल कदम मानी जा रही है, जो देश के कृषि क्षेत्र को आधुनिकीकरण की ओर ले जाने के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी।