केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) ने लाखों महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है। यह योजना खासतौर पर पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जहां उन्हें गर्भावस्था और प्रसव के दौरान आर्थिक सहायता मिलती है। रीता, एक 25 वर्षीय गृहणी, ने हाल ही में इस योजना का लाभ उठाया। "जब मुझे पता चला कि सरकार मेरे बैंक खाते में 5,000 रुपये जमा करेगी, तो खुशी का ठिकाना न रहा। इससे डॉक्टर के चेकअप और दवाओं का खर्च आसानी से उठा पाई," रीता ने साझा किया।
इस योजना के तहत पहली संतान के लिए कुल 5,000 रुपये तीन किश्तों में दिए जाते हैं। पहली किश्त (1,000 रुपये) गर्भावस्था के शुरुआती पंजीकरण पर, दूसरी (2,000 रुपये) कम से कम एक एंटीनेटल चेकअप के बाद छह माह पूरे होने पर, और तीसरी (2,000 रुपये) बच्चे के जन्म पंजीकरण व पहली टीकाकरण के बाद मिलती है। खास बात यह है कि अगर दूसरी संतान बेटी हो, तो अतिरिक्त 6,000 रुपये की मदद भी संभव है, जो परिवार की आर्थिक बोझ कम करती है। यह नकद सहायता सीधे बैंक या डाकघर खाते में ट्रांसफर होती है, जिससे माताओं को पोषण और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
योजना का लाभ 19 वर्ष से अधिक उम्र की विवाहित महिलाओं को मिलता है, जिनकी पहली गर्भावस्था 1 जनवरी 2017 के बाद हो। एससी/एसटी, दिव्यांग, बीपीएल कार्ड धारक, आयुष्मान भारत लाभार्थी, ई-श्रम या किसान सम्मान निधि वाली महिलाएं प्राथमिकता पाती हैं। आवेदन बच्चे के जन्म के 270 दिनों के भीतर अनिवार्य है, अन्यथा अवसर हाथ से निकल जाता है। सुमन देवी जैसी ग्रामीण महिलाओं के लिए यह योजना जीवन बदलने वाली साबित हुई, जिन्होंने बताया, "पहले चेकअप के लिए पैसे की तंगी होती थी, अब सब आसान हो गया।"
ऑनलाइन आवेदन pmmvy.wcd.gov.in पर आसानी से किया जा सकता है, जहां आधार कार्ड, बैंक पासबुक, एमसीपी कार्ड जैसी दस्तावेज अपलोड करने होते हैं। ऑफलाइन तरीके से नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र पर फॉर्म जमा करें। फॉर्म 1A, 1B और 1C क्रमशः किश्तों के लिए हैं। सरकार ने हाल ही में इसे और सरल बनाया है, ताकि हर महिला लाभ उठा सके। यदि कोई समस्या हो, तो हेल्पलाइन से संपर्क करें। यह योजना न केवल आर्थिक मदद देती है, बल्कि स्वस्थ मातृत्व को प्रोत्साहित करती है।