कई लोग मानते हैं कि अगर वे समय पर बिल चुकाते हैं, क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करते हैं और जोखिम भरे लोन से बचते हैं, तो उनका क्रेडिट स्कोर हमेशा सुरक्षित रहेगा। लेकिन हकीकत इससे अलग है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट बताती है कि क्रेडिट स्कोर का गिरना अकसर अचानक नहीं होता, बल्कि धीरे-धीरे रोजमर्रा की छोटी आदतों और अनदेखी डिटेल्स से होता है।
क्रेडिट स्कोर गिरने के प्रमुख कारण
- उच्च क्रेडिट उपयोग: अगर कार्ड की लिमिट का 60-80% लगातार इस्तेमाल हो रहा है, तो समय पर भुगतान करने के बावजूद स्कोर नीचे जा सकता है।
- केवल न्यूनतम भुगतान करना: बहुत से लोग सोचते हैं कि न्यूनतम देनदारी चुकाना पर्याप्त है, लेकिन यह आदत स्कोर को नुकसान पहुंचाती है।
- पुराने अकाउंट बंद करना: लंबे समय से चल रहे अकाउंट्स को बंद करने से क्रेडिट हिस्ट्री छोटी हो जाती है, जिससे स्कोर गिर सकता है।
- छोटी गलतियां: कभी-कभी देर से भुगतान या तकनीकी त्रुटियां भी स्कोर को प्रभावित करती हैं।
कई लोग तब तक स्कोर में गिरावट को नोटिस नहीं करते जब तक कि उनका लोन रिजेक्ट न हो जाए या ब्याज दरें अचानक बढ़ी हुई न दिखें। यह अनुभव बेहद निराशाजनक होता है क्योंकि व्यक्ति को लगता है कि उसने सब कुछ सही किया है। असल में, क्रेडिट स्कोर किसी का नैतिक मूल्यांकन नहीं बल्कि वित्तीय व्यवहार का लगातार बदलता प्रतिबिंब है।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि क्रेडिट कार्ड का उपयोग 30-40% तक सीमित रखें, समय पर पूरा भुगतान करें और पुराने अकाउंट्स को बनाए रखें। साथ ही, समय-समय पर अपने क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करना जरूरी है ताकि छोटी गलतियां तुरंत पकड़ी जा सकें।
क्रेडिट स्कोर गिरना हमेशा बड़ी गलती का नतीजा नहीं होता। यह अक्सर छोटी-छोटी आदतों और अनदेखी बातों से जुड़ा होता है। अगर इन कारणों को समझकर सही कदम उठाए जाएं, तो स्कोर को वापस बेहतर किया जा सकता है।