आधार कार्ड आज हर काम का आधार बन चुका है, लेकिन इसकी फोटोकॉपी लेना और स्टोर करना डेटा लीक का बड़ा खतरा पैदा कर रहा था। UIDAI अब इसे पूरी तरह बंद करने की दिशा में कदम उठा रही है, ताकि होटल, इवेंट या अन्य जगहों पर आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रहे। CEO भुवनेश कुमार के अनुसार, नया ढांचा जल्द अधिसूचित होगा, जिसमें डिजिटल तरीके से वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। इससे न सिर्फ पेपर का इस्तेमाल कम होगा, बल्कि पहचान चोरी की संभावना भी घटेगी।
पुरानी प्रैक्टिस की समस्याएं
पहले होटल चेक-इन, बैंक खाता या इवेंट रजिस्ट्रेशन के लिए आधार की फोटोकॉपी मांगी जाती थी, जो फाइलों, व्हाट्सएप या मोबाइल गैलरी में पड़ी रहती। यह Aadhaar Act का उल्लंघन है और फ्रॉडर्स के लिए आसान शिकार बन जाता। कई बार ये कॉपियां गलत हाथों में पड़कर आइडेंटिटी थेफ्ट या फर्जी लोन का कारण बनतीं। UIDAI का कहना है कि ऑफलाइन वेरिफिकेशन से सर्वर इश्यूज भी आते थे, जो अब हल हो जाएंगे।
नए नियम में होटल, इवेंट आयोजक या रिटेल स्टोर को UIDAI में रजिस्टर करना होगा। वेरिफिकेशन QR कोड स्कैनिंग से होगा, जो एन्क्रिप्टेड डेटा दिखाएगा बिना संवेदनशील जानकारी शेयर किए। API एक्सेस से संस्थाएं अपना सॉफ्टवेयर इंटीग्रेट कर सकेंगी। नया आधार ऐप बीटा टेस्टिंग में है, जो ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन देगा एयरपोर्ट, उम्र-सीमित प्रोडक्ट्स या स्टोर्स पर उपयोगी। केंद्रीय सर्वर कनेक्शन की जरूरत कम होगी, प्रक्रिया तेज बनेगी।
यूजर्स और संस्थाओं को फायदे
आम आदमी को फोटोकॉपी देने की फिक्र खत्म, गोपनीयता मजबूत। संस्थाओं को रीयल-टाइम वेरिफिकेशन मिलेगा, पेपरवर्क जीरो। नया ऐप DPDP Act को सपोर्ट करेगा, जहां यूजर्स एड्रेस अपडेट या फैमिली मेंबर्स ऐड कर सकेंगे। आधार कार्ड का फॉर्मेट बदल सकता है सिर्फ फोटो और QR कोड, बाकी डिटेल्स हटेंगी। कुल मिलाकर, यह डिजिटल इंडिया को मजबूत बनाएगा।
UIDAI का यह कदम वित्तीय और व्यक्तिगत सुरक्षा को नई ऊंचाई देगा। अगर आप फोटोकॉपी दे रहे हैं, तो अब QR या ऐप का इंतजार करें। नियम आने पर सभी को अनुपालन करना होगा, वरना पेनल्टी लग सकती है।