Retirement Planning: क्या ईपीएफ में जमा पैसे से रिटायरमेंट बाद आपकी जरूरतें पूरी हो सकेंगी?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए आपके पास बड़ा फंड होना चाहिए। हर साल आपका मंथली खर्च इनफ्लेशन की वजह से बढ़ता जाता है। उम्र बढ़ने पर मेडिकल पर खर्च बढ़ जाता है। रिटेल इनफ्लेशन 3-4 फीसदी के बीच हो सकता है। लेकिन हॉस्पिटल्स के बिल्स, दवाइओं के खर्च आदि ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं

अपडेटेड Dec 11, 2025 पर 10:09 PM
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फाइनेंशियल एडवाइजर्स एंप्लॉयीज को ईपीएफ के अलावा दूसरे रिटारमेंट प्रोडक्ट्स में भी निवेश करने की सलाह देते हैं।

कई लोग अपने रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए ईपीएफ में जमा पैसे पर भरोसा करते हैं। प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हर महीने ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है। इतना ही पैसा एंप्लॉयर भी एंप्लॉयी के ईपीएफ अकाउंट में हर महीने कंट्रिब्यूट करता है। आप जितने ज्यादा साल तक नौकरी करते हैं, आपके ईपीएफ फंड के उतना बड़ा होने की संभावना होती है। लेकिन, अगर आपने करियर के बीच में ईपीएफ के पैसे निकाले हैं या करियर में ब्रेक लिया है तो क्या होगा?

रिटायरमेंट प्लानिंग में इनफ्लेशन का रखें ध्यान

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए आपके पास बड़ा फंड होना चाहिए। हर साल आपका मंथली खर्च इनफ्लेशन की वजह से बढ़ता जाता है। उम्र बढ़ने पर मेडिकल पर खर्च बढ़ जाता है। रिटेल इनफ्लेशन 3-4 फीसदी के बीच हो सकता है। लेकिन हॉस्पिटल्स के बिल्स, दवाइओं के खर्च आदि ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं। आज जिस सर्जरी पर 3 लाख रुपये का खर्च आता है, वह आपके 70 साल के होने पर बढ़कर 7-8 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। 60 साल की उम्र में जो फंड आपको पर्याप्त लग रहा है, वह आपको 70 साल की उम्र में कम लग सकता है।


ईपीएफ में निवेश कई वजहों से बाधित होता है

ईपीएफ की अपनी सीमाएं भी हैं। कंट्रिब्यूशन एंप्लॉयी के बेसिक पे और फॉर्मल एंप्लॉयमेंट पर निर्भर करता है। जल्द-जल्द नौकरी बदलने, करियर में ब्रेक लेने या आपके कसल्टिंग सर्विसेज शुरू करने पर ईपीएफ अकाउंट में आपका कंट्रिब्यूशन रुक जाता है। कई लोग इमर्जेंसी आने पर ईपीएफ से पैसे निकालते हैं। नए नियम के मुताबिक, एंप्लॉयी रिटायरमेंट से पहले 75 फीसदी तक पैसा निकाल सकता है। पैसा निकालने से आपके ईपीएफ अकाउंट में बैलेंस कम हो जाता है।

एनपीएस और पीपीएफ में भी निवेश की सलाह

फाइनेंशियल एडवाइजर्स एंप्लॉयीज को ईपीएफ के अलावा दूसरे रिटारमेंट प्रोडक्ट्स में भी निवेश करने की सलाह देते हैं। इनमें पहला और दूसरा विकल्प पीपीएफ और एनपीएस का नजर आता है। पीपीएफ में 15 साल तक निवेश करने पर आपके लिए बड़ा फंड तैयार हो जाता है। खास बात यह है कि पीपीएफ अकाउंट मैच्योर करने पर आपको जो पैसा मिलता है, वह पूरी तरह से टैक्स-फ्री होता है। पीपीएफ को सरकार का सपोर्ट है। इसलिए इसमें निवेश काफी सुरक्षित है।

एनपीएस में आपका पैसा तेजी से बढ़ता है

एनपीएस में पैसा तेजी से बढ़ता है। इसकी वजह यह है कि पीपीएफ जहां फिक्स्ड रिटर्न स्कीम है, वही एनपीएस मार्केट लिंक्ड स्कीम है। इसका मतलब है कि एनपीएस में आपके कंट्रिब्यूशन का एक हिस्सा शेयरों में निवेश किया जाता है। इससे लंबी अवधि में एनपीएस से काफी अच्छा रिटर्न मिलता है। आपके 60 साल के होने पर एनपीएस में जमा पैसा का 60 फीसदी एकमुश्त मिल जाता है। बाकी 40 फीसदी का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने के लिए होता है।

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रिटायरमेंट के लिए चाहिए बड़ा फंड

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद ईपीएफ में जमा फंड काफी काम आता है। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है। आपको ईपीएफ के अलावा पीपीएफ और एनपीएस में भी निवेश करना चाहिए। आप चाहे तो म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में भी सिप से निवेश शुरू कर सकते हैं। इससे रिटायर करने तक बड़ा फंड तैयार हो जाएगा।

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