प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों तक स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने वाला ईंधन LPG पहुंचाना था। इस योजना ने लकड़ी, कोयला और गाय के गोबर जैसे पारंपरिक ईंधनों की जगह साफ और पर्यावरण-मित्र LPG का इस्तेमाल बढ़ाया है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को लाभ मिला है।
LPG कवरेज में भारी वृद्धि
2023 तक, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ से अधिक परिवारों को LPG कनेक्शन दिया जा चुका है। इसके कारण भारत में LPG कवरेज लगभग 95% हो चुकी है। इस योजना ने ग्रामीण इलाकों में LPG के इस्तेमाल को तीन गुना बढ़ाया है, जो साफ ऊर्जा की दिशा में बड़ी सफलता है।
PMUY के कारण घर के अंदर वायु प्रदूषण कम हुआ है, जो खासकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। ठोस ईंधन के जलने से निकलने वाले प्रदूषण में भारी कमी आई है, जिससे राष्ट्रीय और WHO वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करना आसान हुआ है। इससे लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
महिलाओं का सशक्तिकरण और सामाजिक लाभ
इस योजना का एक खास पहलू महिलाओं को लक्षित सब्सिडी देना है, जिससे वे आर्थिक रूप से सक्षम हुई हैं और स्वच्छ ईंधन का उपयोग कर जीवन स्तर बेहतर हुआ है। इससे उन्हें बारबारी लकड़ी इकटठा करने की जरूरत कम हुई और समय की बचत हुई है।
सतत विकास और योजनाओं का विस्तार
सरकार ने PMUY को सतत विकास के लक्ष्यों से जोड़कर इसे और मजबूत किया है। योजना के तहत आने वाले वर्षों में और भी LPG कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, उपयोग की निरंतरता बनाए रखने और किफायती दरों को सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना न केवल गरीब परिवारों को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराती है, बल्कि यह स्वास्थ्य सुधार, पर्यावरण संरक्षण और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसा सामाजिक लाभ भी देती है। यह योजना भारत को क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मजबूती से आगे ले जा रही है।