बड़े शहर में एक अच्छी नौकरी मिलना हर किसी के लिए सुखद है। लगता है कि अब सब कुछ मैनेज हो जाएगा। लेकिन अगर सैलरी का ज्यादातर हिस्सा रहने, खाने-पीने और आनेजाने के किराए में ही खर्च हो जाए तो फिर इंसान का परेशान होना लाजमी है। ऐसे में बात जब गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों की हो तो फिर तो क्या ही कहा जाए। एक ही सैलरी हर जगह पर्याप्त हो यह जरूरी नहीं। सोशल मीडिया पर मीनल गोयल नाम की एक CA ने अपना ऐसा ही एक अनुभव शेयर किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे गुरुग्राम में रहना उन्हें बेंगलुरु में रहने से ज्यादा महंगा पड़ा।
मीनल गोयल CreateHQ की फाउंडर भी हैं। उनकी एजेंसी, ब्रांड्स को कंटेंट क्रिएशन को आगे बढ़ाने में मदद करती है। उन्होंने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, मैं जब पहली बार गुरुग्राम शिफ्ट हुई, तो रहने का किराया एक शॉक की तरह था। ऑफिस के पास एक अच्छे 1BHK का किराया लगभग 25000 रुपये महीने था। मेंटेनेंस और यूटिलिटीज का खर्च अलग से। हफ्ते में रेगुलर बेसिस पर बाहर खाना खाना मतलब और 6000 से 8000 रुपये का खर्चा। साथ ही कैब, किराने का सामान और वीकेंड प्लान भी मिला लें तो महीने का खर्च आराम से 45000 रुपये के पार चला जाता था।'
बेंगलुरु का क्या रहा अनुभव
पोस्ट में आगे लिखा है, 'बेंगलुरु थोड़ा सस्ता लगा। उसी तरह के अपार्टमेंट का मंथली किराया लगभग 18,000 रुपये। किराने का सामान और खाना थोड़ा सस्ता था, और ऑटो और कैब का किराया भी ऐसा नहीं लगता था कि जैसे लूट रहे हैं। ऐसे में वहां का मंथली खर्च लगभग 35000 रुपये के आसपास रहा।' मीनल आगे कहती हैं, 'पहली नजर में 10000 रुपये प्रति माह का अंतर जिंदगी बदलने वाला नहीं लग सकता। लेकिन इसे सालाना आधार पर देखें तो यह अंतर 1 लाख रुपये से ज्यादा का था। और मेरे लिए इसी अंतर ने तय किया कि मैं काम के अलावा कितनी बचत कर सकती हूं, कितना निवेश कर सकती हूं, या फिर जोखिम भी उठा सकती हूं।'
इस पोस्ट पर कई कमेंट्स आए हैं। कुछ यूजर्स ने कहा कि यह बात बिल्कुल सही है। जब आप करियर शुरू करते हैं, तो रहने का खर्च सब कुछ बदल देता है। कुछ यूजर्स इस बात से सहमत हैं कि गुरुग्राम जेब पर भारी पड़ता है और उन्हें बेंगलुरु हमेशा ज्यादा टिकाऊ लगा। कुछ लोगों ने कहा कि गुरुग्राम में सैलरी अक्सर ज्यादा होती है। वहीं कुछ लोग यह जानकर हैरान थे कि बेंगलुरु वास्तव में गुरुग्राम से सस्ता हो सकता है।